मंगलवार, फ़रवरी 7

आया वसंत झूम के


आया वसंत झूम के

धूप ने पिया जब फूलों का अर्क
भर गयी ऊर्जा उसके तन-बदन में....
कल तक नजर आती थी जो कृश और कुम्हलाई
आज कैसी खिल गयी है...
वसंत के आने की खबर उसको भी मिल गयी है !

धरा ने ली अंगड़ाई
भर दिया वनस्पतियों में यौवन
सिकुड़ी, सूखी सी दिखती थी जो डाल
आज पल्लवों से मिल गयी है
वसंत के आने की खबर उसको भी मिल गयी है !

पाले में ढके, कोहरे में कैद खेत
झूमने लगे पा परस
वासन्ती हवा का
चुप सी खड़ी थी जो सरसों की हर वह कली
आज फूल बन के घर से निकल गयी है
वसंत के आने की खबर उसको भी मिल गयी है !

अंतर में हुलस उठी बालकों, बड़ों सबके
ठंड से जो थी बेहाल
घरों में बंद थी, हुल्लड मचाने
टोली उनकी फूलों के घर गयी है
वसंत के आने खबर उसको भी मिल गयी है !


14 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर
    बहुत सुन्दर...

    सादर.

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  2. बसंती बयार में झूमता सा समां.....बहुत खूब |

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  3. बहुत सधी हुई कमाल की रचना...बधाई स्वीकारें

    नीरज

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  4. धरा ने ली अंगड़ाई
    भर दिया वनस्पतियों में यौवन
    सिकुड़ी, सूखी सी दिखती थी जो डाल
    आज पल्लवों से मिल गयी है
    वसंत के आने की खबर उसको भी मिल गयी है !

    बहुत ही सुन्दर रचना .
    Life is Just a Life
    My Clicks
    .

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  5. बसंती अहसासों में भिंगोती रचना..

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  6. कल 13/03/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर (विभा रानी श्रीवास्तव जी की प्रस्तुति में) लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  7. बसंती भावों की भावभीनी भावाभिव्यक्ति हेतु बधाई !!

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  8. वसंत के आगमन का बहुत ही सुन्दर प्रभावपूर्ण चित्रण!

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