गुरुवार, अगस्त 8

सुषमा स्वराज


सुषमा स्वराज


हमें नाज है भारत की इस बेटी पर
जो जन-जन की आवाज बनी
जिसने पहचाना ही नहीं भारत की आत्मा को
अपने शब्दों से उसे सुंदर आकार दिया
लाखों लोगों के दिलों पर राज किया
जिसका दिल इतना विशाल था
'वसुधैव कुटुम्बकम' की भावना को कर दिया जीवंत
अपने कर्मों से सरहद पार भी अपना प्यार दिया !
माथे पर लाल बड़ी सी बिंदी
और मांग में चमकता सिंदूर
बयाँ कर देते हैं उसके दिल में बसे भारतीय मूल्यों की गाथा
निडर, निर्भीक, प्रतिभाशाली, ओजस्वी, प्रखर वक्ता
राजनीति में नये मानदंडों की संस्थापक
दूरदर्शी, स्नेहमयी एक कुशल प्रशासक
अपने विरोधियों को भी भाई बनाने की कला जिन्हें आती थी
बरसों बाद भी मिलीं हों किसी से उनके नाम से बुलाती थीं
ऐसी हमारी अपनी सुषमा जी को
शत शत नमन
आज देश करता है हाथ जोड़कर उन्हें वन्दन !!



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