tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post1042688847321986651..comments2024-03-28T10:26:57.335+05:30Comments on मन पाए विश्राम जहाँ: स्वप्न और हकीकतAnitahttp://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-24848153404620412242013-09-12T14:58:53.077+05:302013-09-12T14:58:53.077+05:30सुन्दर स्वप्न …… काश के ये स्वप्न पूरा हो सके……ओ !...सुन्दर स्वप्न …… काश के ये स्वप्न पूरा हो सके……ओ ! इंसानियत के दुश्मनों इंसानों का ये ख्वाब पूरा हो जाने दो…….बहुत ही सुन्दर रचना है अनीता जी … हैट्स ऑफ इसके लिए |इमरान अंसारी https://www.blogger.com/profile/01005182448449326178noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-55723243064283666912013-09-12T08:52:34.046+05:302013-09-12T08:52:34.046+05:30स्वप्न शायद उन्हें ही कहते हैं जो टूटते हैं..स्वप्न शायद उन्हें ही कहते हैं जो टूटते हैं..Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-27837346231033852162013-09-12T08:52:01.361+05:302013-09-12T08:52:01.361+05:30सही कहा है आपने शकुंतला जी, मानव को हर चुनौती का स...सही कहा है आपने शकुंतला जी, मानव को हर चुनौती का सामना करने के लिए सदा तत्पर रहना होगा.Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-30651256348461223612013-09-11T20:47:05.965+05:302013-09-11T20:47:05.965+05:30सपना देखना अच्छा है ,टूटना दुखदायी है
latest post...सपना देखना अच्छा है ,टूटना दुखदायी है <br />latest post<a href="http://kpk-vichar.blogspot.in/2013/09/blog-post_11.html#links" rel="nofollow"> गुरु वन्दना (रुबाइयाँ)</a>कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-83367633614206148262013-09-11T16:41:05.861+05:302013-09-11T16:41:05.861+05:30 देवासुर संग्राम हो रहा नित-प्रति हर युग में हर बा... देवासुर संग्राम हो रहा नित-प्रति हर युग में हर बार,सही-गलत की समझ कठिन है ज्यों हो दो-धारी तलवार । हुआ पराजित नर षडरिपु से नित्य निरन्तर बारम्बार ,लक्ष्य हेतु तत्पर है फिर भी उसे चुनौती है स्वीकार ।शकुन्तला शर्माhttps://www.blogger.com/profile/12432773005239217068noreply@blogger.com