tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post1832536035001243131..comments2024-03-29T09:56:47.729+05:30Comments on मन पाए विश्राम जहाँ: वर्तमान का यह पल Anitahttp://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-72382505417060344522019-11-04T14:44:12.203+05:302019-11-04T14:44:12.203+05:30वाह ! जीवन की कितनी सुंदर परिभाषा, स्वागत व आभार !...वाह ! जीवन की कितनी सुंदर परिभाषा, स्वागत व आभार !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-9877443027172579932019-11-01T22:07:54.773+05:302019-11-01T22:07:54.773+05:30इसके असीम विस्तार को जितना अपने में समेट सकें उतना...इसके असीम विस्तार को जितना अपने में समेट सकें उतना ही हमारे हिस्से में -यही जीवन है.प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-66620075837776972019-11-01T15:27:11.792+05:302019-11-01T15:27:11.792+05:30आपको भी प्रकाश पर्व की शुभकामनायें ! आपको भी प्रकाश पर्व की शुभकामनायें ! Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-33096507775723843392019-11-01T15:26:29.148+05:302019-11-01T15:26:29.148+05:30स्वागत व आभार ! स्वागत व आभार ! Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-75990353394758476482019-10-31T18:30:24.478+05:302019-10-31T18:30:24.478+05:30वर्तमान के पल को जो जी लेता है ... आनद में रहता है...वर्तमान के पल को जो जी लेता है ... आनद में रहता है ...<br />हर पल जो जीवित है उस्में कितना कुछ घट जाता है और इतिहास की यादों में बदल जाता है ... पर जीना तो वर्तमान में ही रहता है ... बहुत भाव पूर्ण रचना ... दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें .... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-80932595684757287812019-10-31T13:40:36.948+05:302019-10-31T13:40:36.948+05:30हम समय रहते जीते नहीं है जीवन को सही से।
पर समय नि...हम समय रहते जीते नहीं है जीवन को सही से।<br />पर समय निकल जाए तो हम पल पल का पछतावा करते है।<br />जीवन हर जगह हर रूप में घट रहा है<br />कितने ही छोटे छोटे चित्र बन गए थे कविता को पढ़ते वक्त।<br />बहुत ही शानदार रचना है।<br /><br />आपका नई रचना पर स्वागत है 👉👉 <a href="https://rohitasghorela.blogspot.com/2019/10/blog-post_30.html" rel="nofollow">कविता </a>Rohitas Ghorelahttps://www.blogger.com/profile/02550123629120698541noreply@blogger.com