tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post1876869468843572639..comments2024-03-28T10:26:57.335+05:30Comments on मन पाए विश्राम जहाँ: शब्दों की सीमा बाहर हैAnitahttp://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-30260295021183288502012-09-22T17:39:56.773+05:302012-09-22T17:39:56.773+05:30सन्नाटा को भी पढने की कला जिसने जान लिया वही शब्दो...सन्नाटा को भी पढने की कला जिसने जान लिया वही शब्दों के पार जाता है..सुन्दर रचना..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-78552802060281241032012-09-22T13:04:25.737+05:302012-09-22T13:04:25.737+05:30खुद से ही तो लड़ते रहते
खुद को ही तो घायल करते,
खु...खुद से ही तो लड़ते रहते<br />खुद को ही तो घायल करते,<br />खुद को सम्बन्धों में पाके<br />खुद से ही तो दूर भागते !<br /><br />वाह...बहुत ही सुन्दर लगी कविता।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-29616088296878811232012-09-21T10:16:42.581+05:302012-09-21T10:16:42.581+05:30वाणी जी,सही कहा है आपने, शब्द कभी जाहिर करते हैं क...वाणी जी,सही कहा है आपने, शब्द कभी जाहिर करते हैं कभी नहीं...हाँ, शब्दों में बहुत कुछ मिलता है पर वह परम सौंदर्य शब्दों के पार ही है, जिसकी सबको तलाश है..Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-86993757820030809592012-09-21T10:14:37.113+05:302012-09-21T10:14:37.113+05:30अनु जी, मन यानि शब्दों का एक घेरा..निशब्द में ही म...अनु जी, मन यानि शब्दों का एक घेरा..निशब्द में ही मुक्ति का अनुभव होता है..Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-32978968640901170862012-09-21T10:13:27.681+05:302012-09-21T10:13:27.681+05:30आपने सही कहा है अनु जी, शब्दों के जंजाल से पार निक...आपने सही कहा है अनु जी, शब्दों के जंजाल से पार निकल कर ही वह मौन मिलता है जिसे पाकर कुछ पाना शेष नहीं रह जाता..Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-55391912170732222132012-09-21T08:01:01.310+05:302012-09-21T08:01:01.310+05:30कभी लगता शब्दों से ही जाहिर होते
और कभी शब्दों मे...कभी लगता शब्दों से ही जाहिर होते <br />और कभी शब्दों में ही छिप जाते !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-34585493294030064572012-09-20T23:42:52.145+05:302012-09-20T23:42:52.145+05:30मन के जंजालों से मुक्ति ही ...जीवन है मन के जंजालों से मुक्ति ही ...जीवन है Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-91920372971826527112012-09-20T11:45:47.212+05:302012-09-20T11:45:47.212+05:30बहुत सुन्दर रचना....
शब्दों के जंजाल में ही तो उलझ...बहुत सुन्दर रचना....<br />शब्दों के जंजाल में ही तो उलझा होता है मन का सन्नाटा....<br /><br />सादर<br />अनु ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.com