tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post2043129410085407531..comments2024-03-28T10:26:57.335+05:30Comments on मन पाए विश्राम जहाँ: खिला-खिला मन उपवन होगा Anitahttp://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-8890892253199711952021-11-24T10:18:41.177+05:302021-11-24T10:18:41.177+05:30स्वागत व आभार जिज्ञासा जी!स्वागत व आभार जिज्ञासा जी!Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-15600746355709201582021-11-24T08:12:37.999+05:302021-11-24T08:12:37.999+05:30बहुत सुंदर सार्थक चिंतनपूर्ण सृजन आदरणीय अनीता जी,...बहुत सुंदर सार्थक चिंतनपूर्ण सृजन आदरणीय अनीता जी,आपको नमन और वंदन ।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-46265482490593488662021-11-23T15:23:03.869+05:302021-11-23T15:23:03.869+05:30आपने पहले भी कई बार कविता की गहराई में जाकर इसके म...आपने पहले भी कई बार कविता की गहराई में जाकर इसके मर्म को समझने का प्रयत्न किया है,इन कविताओं में आपको जीवन दर्शन नजर आता है, यह आपका दृष्टिकोण हो सकता है पर मेरे लिए इनमें वे सत्य हैं जो समय-समय पर अनुभव होते रहे हैं. ये रचनाएँ बिलकुल सीधीसादी हैं, इनमें काव्य की बारीकियां नहीं हैं, पर हृदय की बात है.हम रोज ही सपने देखते हैं, वर्षों से स्वप्न मुझे अचंभित करते आ रहे हैं, अंततः वे हमारे मन की ही Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-61772937005351529452021-11-23T10:38:14.820+05:302021-11-23T10:38:14.820+05:30आपकी इस कविता में और कुछ इससे पूर्व रची गई कतिपय क...आपकी इस कविता में और कुछ इससे पूर्व रची गई कतिपय कविताओं में जीवन-दर्शन है या यूं समझा जाए कि ज़िन्दगी और दुनिया के मुताल्लिक आपकी अपनी फ़िलॉसॉफ़ी है। कोई इसे सरलता से समझ सकता है तो किसी को समझने में कठिनाई आ सकती है। मैंने आपकी इन कविताओं को इनमें डूबकर समझने की कोशिश की है। कहीं मैं आपसे सहमत होता हूँ तो कहीं असहमत। फिर भी आपकी अपने आपको (अपने भावों एवं समझ-बूझ को) अभिव्यक्त करने की प्रतिभा जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-50106706573841855172021-11-23T09:06:01.708+05:302021-11-23T09:06:01.708+05:30बढ़ियाबढ़ियाOnkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.com