tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post2047497554940328971..comments2024-03-29T09:56:47.729+05:30Comments on मन पाए विश्राम जहाँ: निज सुनहरी भाग्य रेखाAnitahttp://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-77262462852195252272018-10-08T10:34:03.343+05:302018-10-08T10:34:03.343+05:30वाकई सब कुछ मानव के अपने ही हाथ में है..स्वागत व आ...वाकई सब कुछ मानव के अपने ही हाथ में है..स्वागत व आभार ! Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-91853868309318530932018-10-08T09:43:25.022+05:302018-10-08T09:43:25.022+05:30कितनी गहरी बाय कह दी ...
हाथ में कूची थमा कर ... स...कितनी गहरी बाय कह दी ...<br />हाथ में कूची थमा कर ... सच है ... स्वयं ही तो गढ़ना है ये जीवन ... इसने दिया है सब कुछ सोचने समझने की शक्ति ... विकास का पथ ... और फिर आह्वान किया स्वप्न के माध्यम से ...<br />बहुत ही सुन्दर दार्शनिक रचना ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.com