tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post2168072898616342235..comments2024-03-28T10:26:57.335+05:30Comments on मन पाए विश्राम जहाँ: क्या यही है जिंदगीAnitahttp://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-10437641433203595142011-09-04T00:27:42.097+05:302011-09-04T00:27:42.097+05:30यही सच है...और इसी साथ के छूट जाने के सच से रूबरू...यही सच है...और इसी साथ के छूट जाने के सच से रूबरू कराती रचनाNidhihttps://www.blogger.com/profile/07970567336477182703noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-54127617177839028022011-09-03T16:01:11.824+05:302011-09-03T16:01:11.824+05:30मैं न किसी का कोई न मेरा
भाव यह दृढ होता जाता है,
...मैं न किसी का कोई न मेरा<br />भाव यह दृढ होता जाता है,<br />एक परम शक्ति का मैं हूँ<br />और न कुछ नजर आता है ! सुन्दर भाव....विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-8932177355690077882011-09-03T15:30:48.678+05:302011-09-03T15:30:48.678+05:30मैं न किसी का कोई न मेरा
भाव यह दृढ होता जाता है,
...मैं न किसी का कोई न मेरा<br />भाव यह दृढ होता जाता है,<br />एक परम शक्ति का मैं हूँ<br />और न कुछ नजर आता है !<br /><br />सच है ज़िंदगी में कितना कुछ पीछे छूट जाता है ... यथार्थ को कहती अच्छी रचनासंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-76955515980191041782011-09-03T11:53:32.001+05:302011-09-03T11:53:32.001+05:30वैराग्य भाव से भरी एक शानदार अभिव्यक्ति।वैराग्य भाव से भरी एक शानदार अभिव्यक्ति।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-29372574062471887812011-09-03T10:18:09.343+05:302011-09-03T10:18:09.343+05:30aapki is kavita ne to dil ko choo liya.maarmik bha...aapki is kavita ne to dil ko choo liya.maarmik bhaav sunder shabd.bahut achchi prastuti.badhaai.Rajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-79732216717061108932011-09-03T09:54:37.399+05:302011-09-03T09:54:37.399+05:30मिलने और बिछुड्ने का नाम ही जिंदगी है। हो सकता है ...मिलने और बिछुड्ने का नाम ही जिंदगी है। हो सकता है जो आज हम से बिछड़ा हो वो कल किसी न किसी रूप मे हमारे करीब आ जाए। और यादों के रूप मे तो वो हमारे साथ होता ही है। <br /><br />सादरYashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-53954777260404004242011-09-03T09:33:17.033+05:302011-09-03T09:33:17.033+05:30पूरे जीवन का यतार्थ बताती ये कविता शानदार है.........पूरे जीवन का यतार्थ बताती ये कविता शानदार है...........बहुत पसंद आई|Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-73278347179704451782011-09-03T08:53:44.927+05:302011-09-03T08:53:44.927+05:30मैं न किसी का कोई न मेरा
भाव यह दृढ होता जाता है,
...मैं न किसी का कोई न मेरा<br />भाव यह दृढ होता जाता है,<br />एक परम शक्ति का मैं हूँ<br />और न कुछ नजर आता है !<br /><br />आपकी इस सुन्दर प्रस्तुति से मैं निहाल हो गया हूँ,<br />अनीता निहलानीजी.<br />वैराग्य और भक्ति को प्रेरित सुन्दर अभिव्यक्ति के लिए <br />बहुत बहुत आभार आपका.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-76151577918421708102011-09-03T08:52:53.946+05:302011-09-03T08:52:53.946+05:30साथ चले हैं अब तक जिनके
साथी गहरी नींद सो गए !
ज...साथ चले हैं अब तक जिनके<br />साथी गहरी नींद सो गए ! <br /><br />जीवन है तो ..<br />उथल-पुथल तो होगी ही ...<br />दिन है तो रात होगी ही ...<br />सुख है तो दुःख होगा ही ...<br />हर्ष है तो विषद होगा ही ...<br />प्रभु हैं तो सद्गति तो होगी ही ...<br />बहुत सुंदर रचना ...Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-11642328316927795552011-09-03T08:05:05.428+05:302011-09-03T08:05:05.428+05:30जिनका स्मरण स्फूर्ति देता था
प्रियतम भी अब कहाँ खो...जिनका स्मरण स्फूर्ति देता था<br />प्रियतम भी अब कहाँ खो गए,<br />साथ चले हैं अब तक जिनके<br />साथी गहरी नींद सो गए !<br />sundar abhivyakti badhaiShalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.com