tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post3016776943709465285..comments2024-03-28T10:26:57.335+05:30Comments on मन पाए विश्राम जहाँ: पुण्य सम पावन यह प्यारAnitahttp://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-30267922949448863562011-02-06T22:40:02.951+05:302011-02-06T22:40:02.951+05:30दिल को छूने वाली खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
सादर,
...दिल को छूने वाली खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.<br />सादर, <br />डोरोथी.Dorothyhttps://www.blogger.com/profile/03405807532345500228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-78583127856303871652011-02-06T22:37:16.539+05:302011-02-06T22:37:16.539+05:30खोजने का तुम जिसे
कर रहे अभिनय युगों से,
पांव रखे ...खोजने का तुम जिसे<br />कर रहे अभिनय युगों से,<br />पांव रखे हो उसी पे<br />बँध अदेखी बेड़ियों से !<br />सुंदर अतिसुन्दर , कई अर्थों को अपने में समाये हुई रचना, बधाईSunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-77638762514751433762011-02-06T10:47:27.316+05:302011-02-06T10:47:27.316+05:30अनिता जी सादर अभिवादन
मुक्त छन्द बद्ध प्रस्तुतिय...अनिता जी सादर अभिवादन<br /><br />मुक्त छन्द बद्ध प्रस्तुतियां आज के दौर में बहुत ही कम पढ़ने को मिलती हैं| आपकी सन्दर्भित कृति अत्यन्त मनभावन लगी|<br />समस्या पूर्ति ब्लॉग [http://samasyapoorti.blogspot.com/] से जुड़ने हेतु निवेदन|<br />आपकी ई-मेल आइ डी navincchaturvedi@gmail.com पर भेजने की कृपा करें|www.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-90801657827314610432011-02-06T07:52:02.511+05:302011-02-06T07:52:02.511+05:30कुछ दिनों से बाहर होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका...कुछ दिनों से बाहर होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका<br />माफ़ी चाहता हूँसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-31640047530509743222011-02-06T07:51:53.683+05:302011-02-06T07:51:53.683+05:30आदरणीय अनिता जी
नमस्कार !
हो तिरोहित पूर्व उसके था...आदरणीय अनिता जी<br />नमस्कार !<br />हो तिरोहित पूर्व उसके थाम लो बन जाओ धार ! कौन जाने कब खिलेगा? पुण्य सम पावन यह प्यार !<br />..........बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचनासंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-19209416496955522012011-02-05T20:53:02.638+05:302011-02-05T20:53:02.638+05:30यह एक ऐसी संवेद्य कविता है जिसमें हमारे यथार्थ का ...यह एक ऐसी संवेद्य कविता है जिसमें हमारे यथार्थ का मूक पक्ष भी बिना शोर-शराबे के कुछ कह कर पाठक को स्पंदित कर जाता है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-20936959400179033052011-02-05T17:56:09.194+05:302011-02-05T17:56:09.194+05:30खोजने को तुम जिसे
कर रहे अभिनय युगों से
पाँव रखे...खोजने को तुम जिसे <br />कर रहे अभिनय युगों से <br />पाँव रखे हो उसी पे<br />बंध अदेखी बेड़ियों से <br /> बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचनासुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-82396279699112530422011-02-05T15:51:40.367+05:302011-02-05T15:51:40.367+05:30अनीता जी,
सुन्दर भावो से सजी सुन्दरतम रचना......अनीता जी,<br /><br />सुन्दर भावो से सजी सुन्दरतम रचना......Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-59695317069885825772011-02-05T15:03:52.022+05:302011-02-05T15:03:52.022+05:30खोजने का तुम जिसे
कर रहे अभिनय युगों से,
पांव रखे ...खोजने का तुम जिसे<br />कर रहे अभिनय युगों से,<br />पांव रखे हो उसी पे<br />बँध अदेखी बेड़ियों से !<br /><br /> गहन चिंतन से परिपूर्ण प्रेरक प्रस्तुति..बहुत प्रवाहपूर्णKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.com