tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post8497851784933203490..comments2024-03-29T09:56:47.729+05:30Comments on मन पाए विश्राम जहाँ: रामनवमी के शुभ अवसर पर आप सभी को शुभकामनाएँ !Anitahttp://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-22175934238271947952011-04-13T14:56:43.953+05:302011-04-13T14:56:43.953+05:30अनीता जी,
देरी की माफ़ी.....आपको भी पावन पर्व की ...अनीता जी,<br /><br />देरी की माफ़ी.....आपको भी पावन पर्व की बधाई.......रचना अपने उत्कर्ष पर है.......गहरे धरातल को छूती है ...........ये खास है - <br /><br />कैसा अदभुत खेल रचाया<br />अपनी माया में भरमाया,<br />मकड़ी जैसे जाल बनाती<br />संसार स्वयं से उपजाया !Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-35467952551477029182011-04-12T21:44:20.991+05:302011-04-12T21:44:20.991+05:30ये कविता नहीं ,एक ऐसी प्रार्थना है स्वयं को जगानेव...ये कविता नहीं ,एक ऐसी प्रार्थना है स्वयं को जगानेवाली जैसे कि ठंडे पानी के छींटे डालकर हम अपनी आखें खोलते हैं.इसे तो रोज सुबह पढ़ना होगा.geetachandnahttps://www.blogger.com/profile/14564664486059334886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-25390080879321392772011-04-12T16:44:28.133+05:302011-04-12T16:44:28.133+05:30भीतर कोई जाग गया है जला के कोई आग गया है, दिव्य अन...भीतर कोई जाग गया है जला के कोई आग गया है, दिव्य अनल शीतल, शुभकारीदिप-दिप होती अंतर बारी !<br />sunder bhaavpoorna rachna .Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.com