tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post8964070364139718430..comments2024-03-28T10:26:57.335+05:30Comments on मन पाए विश्राम जहाँ: उत्सव के बादAnitahttp://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-55927031665768711202010-11-09T13:47:42.286+05:302010-11-09T13:47:42.286+05:30आप सभी का आभार और अभिनदंन उत्सव के उल्लास में डूबन...आप सभी का आभार और अभिनदंन उत्सव के उल्लास में डूबने के लिये!Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-10919847094245700572010-11-08T13:28:52.241+05:302010-11-08T13:28:52.241+05:30अच्छी रचना, भाव से परिपूर्ण, उत्सव के उल्लास में ड...अच्छी रचना, भाव से परिपूर्ण, उत्सव के उल्लास में डूबा ........बधाईAmrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-70715824994461713092010-11-07T13:34:57.726+05:302010-11-07T13:34:57.726+05:30बहुत सुंदर अनीता जी...... दिल को छू गईं .बहुत सुंदर अनीता जी...... दिल को छू गईं .anita saxenahttps://www.blogger.com/profile/04841950789148054971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-69255098020262466022010-11-06T14:19:12.287+05:302010-11-06T14:19:12.287+05:30बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति|बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति|Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-26707441395866368132010-11-06T12:03:44.957+05:302010-11-06T12:03:44.957+05:30गुनगुन करता कोई विहरे
चेतनता का गूंजता गान,
तार जु...गुनगुन करता कोई विहरे<br />चेतनता का गूंजता गान,<br />तार जुड़ें जब हों अदृश्य से<br />बिन साधे लगता है ध्यान I<br /><br />बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्तिसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-61563765702332465832010-11-06T11:19:44.769+05:302010-11-06T11:19:44.769+05:30आदरणीय अनिता जी
नमस्कार !
कमाल की लेखनी है आपकी ल...आदरणीय अनिता जी<br />नमस्कार !<br /><br />कमाल की लेखनी है आपकी लेखनी को नमन बधाईसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-15438850337507531942010-11-06T11:18:39.494+05:302010-11-06T11:18:39.494+05:30उत्सव के उल्लास में डूबा जाने कौन पाहुना आया, मन ज...उत्सव के उल्लास में डूबा जाने कौन पाहुना आया, मन जब अपने घर को लौटा चैन जहाँ भर का फिर पाया I <br />बहुत सुंदर भावों को सरल भाषा में कहा गया है. अच्छी रचनासंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.com