tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post9034197799805930301..comments2024-03-28T10:26:57.335+05:30Comments on मन पाए विश्राम जहाँ: अम्बर सा जो ढांपे जग कोAnitahttp://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-39298403182873523052014-07-26T14:28:25.861+05:302014-07-26T14:28:25.861+05:30 उत्कृष्ट रचना ..या केवल आत्मसात किया.. उत्कृष्ट रचना ..या केवल आत्मसात किया..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-85810504686239636432014-07-21T09:36:12.019+05:302014-07-21T09:36:12.019+05:30अनुपम साक्षात्कार का अद्भुत चित्रण किया आपने -सूक्...अनुपम साक्षात्कार का अद्भुत चित्रण किया आपने -सूक्ष्मानुभूति की विलक्षणता दर्शनीय है !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-25385519632585716222014-07-21T08:27:09.966+05:302014-07-21T08:27:09.966+05:30दिगम्बर जी, देवेन्द्र जी, मनोज जी, व वीरू भाई आप स...दिगम्बर जी, देवेन्द्र जी, मनोज जी, व वीरू भाई आप सभी का स्वागत व आभार !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-53227454507519721762014-07-20T23:29:08.507+05:302014-07-20T23:29:08.507+05:30अनुप्राणित कण-कण को करता
है कोई अनुबंध अनकहा,
रहे...अनुप्राणित कण-कण को करता<br /> है कोई अनुबंध अनकहा,<br />रहे अगोचर कहने भर को<br />हस्ताक्षर कहीं दिख रहा !<br /><br />उस की लीला मेरी लीला एक वो मैं मैं वो अहम ब्रह्मास्मि virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-50232983514376318972014-07-20T23:25:57.820+05:302014-07-20T23:25:57.820+05:30स्वयं अनुरक्त नजर में रखता
सहस भुजाओं वाला कहते,
...स्वयं अनुरक्त नजर में रखता<br />सहस भुजाओं वाला कहते,<br /> अनुरागी अंतर को मथता<br />प्रेमिल अश्रु यूँ न बहते ! बेहतरीन शब्द चित्र। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-86674838019305049612014-07-20T13:39:07.599+05:302014-07-20T13:39:07.599+05:30आनंद दायक।आनंद दायक।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-20104700651991475802014-07-20T11:52:30.107+05:302014-07-20T11:52:30.107+05:30सुन्दर रचना ... प्रकृति की अनुपम छटा बिखर गयी जैसे...सुन्दर रचना ... प्रकृति की अनुपम छटा बिखर गयी जैसे ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.com