tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post965831005083170626..comments2024-03-29T09:56:47.729+05:30Comments on मन पाए विश्राम जहाँ: सुरमई शामAnitahttp://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-53575983524935455252011-03-29T17:21:52.159+05:302011-03-29T17:21:52.159+05:30sunder rachna-sunder rachna-Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-65659904205036739162011-03-29T09:24:27.132+05:302011-03-29T09:24:27.132+05:30अनीता जी,
कलम का सिपाही पर आपकी टिप्पणी का शुक्रि...अनीता जी,<br /><br />कलम का सिपाही पर आपकी टिप्पणी का शुक्रिया.......जहाँ तक मुझे पता है 'आशक्ति का अर्थ है 'सामर्थ्यहीनता' कुछ न कर पाने योग्य.....अज़ल और अजल के बारे में मुदिता जी ने अपनी टिप्पणी में बताया है आप चाहें तो वहां से देख सकती हैं और उर्दू के जो भी शब्द आप न समझ पायें उसे बेहिचक पूछ सकती है मैं कोशिश करूँगा की आपको उसका अर्थ बता सकूँ |<br /><br />आभार <br /><br />इमरानAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-33634618375719717732011-03-29T00:59:01.406+05:302011-03-29T00:59:01.406+05:30पंछियों के गान छूटे दादुरों के बोल फूटे,
झींगुरों...पंछियों के गान छूटे दादुरों के बोल फूटे, <br />झींगुरों ने साज बांधे लता सोयी वृक्ष कांधे ! <br />सुरमई यह शाम प्यारी याद लाती है तुम्हारी ! <br /><br />अनीता जी बहुत अच्छा सुरमई शाम का चित्र खींचा कविता के माध्यम से. बहुत सुंदर रचना है. <br /><br />मेरे ब्लॉग पर आने के लिए आपका शुक्रिया और तर्जनी की गलती की ओर इंगित करने के लिए आभार. इसी तरह अनवरत मार्गदर्शन करती रहें भविष्य में भी.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-79530103841301031372011-03-28T14:16:58.554+05:302011-03-28T14:16:58.554+05:30अनीता जी टिप्पणी का शुक्रिया......हाँ 'की'...अनीता जी टिप्पणी का शुक्रिया......हाँ 'की' गलत टाइप हो गया था आप सहीं हैं 'कि' होना था.......आपकी बात मैं ठीक से समझा नहीं.....मुदिता जी ने क्या जवाब दिया.....अच्छा शायद आप उनकी टिप्पणी के बारे में कह रही हैं.......उनकी टिप्पणी के जवाब में मैंने जो कहा वो ज्यों का त्यों यहाँ दे रहा हूँ......उम्मीद है आपकी शंका का समाधान हो जायेगा.....<br /><br />@ मुदिता जी.....जज़्बात पर आपकी Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-75772360329754874722011-03-28T13:08:06.064+05:302011-03-28T13:08:06.064+05:30अनीता जी,
बहुत सुन्दरता से उकेरा है सुरमई शाम का ...अनीता जी,<br /><br />बहुत सुन्दरता से उकेरा है सुरमई शाम का चित्र......एक हसीं मंज़र उभरता है आँखों के सामने........प्रशंसनीय |Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-2572562943926175082011-03-28T04:37:36.665+05:302011-03-28T04:37:36.665+05:30शाम के समय का बहुत मोहक वर्णन ,स्वप्निल लोक में ले...शाम के समय का बहुत मोहक वर्णन ,स्वप्निल लोक में ले गया मुझे भी.geetachandnahttps://www.blogger.com/profile/14564664486059334886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-55041939757925147902011-03-27T19:06:27.697+05:302011-03-27T19:06:27.697+05:30बहुत खूबसूरत रचना प्राकृतिक वर्णन के साथ स्मृतियों...बहुत खूबसूरत रचना प्राकृतिक वर्णन के साथ स्मृतियों का आना ...सुन्दर अभिव्यक्तिसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com