tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post3581303777888910337..comments2024-03-28T10:26:57.335+05:30Comments on मन पाए विश्राम जहाँ: आत्मा का गीतAnitahttp://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-18698983076994272862010-11-23T09:04:15.940+05:302010-11-23T09:04:15.940+05:30आप सभी का स्वागत व अभिनन्दन आत्मा के इस सफर में, ज...आप सभी का स्वागत व अभिनन्दन आत्मा के इस सफर में, जो हर मानव की नियति है, एक महासुखमय नियति !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-27686173063092073182010-11-22T18:55:10.651+05:302010-11-22T18:55:10.651+05:30मिलते ही हर दुःख हर लेगी
सौगातों से उर भर देगी,
...मिलते ही हर दुःख हर लेगी <br />सौगातों से उर भर देगी, <br />सारे जग का प्यार समेटे <br />मन में या नयन में रहेगी I <br />जन्मों की है मीत आत्मा !<br />....आत्मा के सुन्दर स्वरुप का सुन्दर आत्मावलोकन करती मनोभावों की प्रस्तुति बहुत अच्छी लगी.. आभारकविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-36534987247327365122010-11-22T18:27:30.124+05:302010-11-22T18:27:30.124+05:30मिलते ही हर दुःख हर लेगी
सौगातों से उर भर देगी,
सा...मिलते ही हर दुःख हर लेगी<br />सौगातों से उर भर देगी,<br />सारे जग का प्यार समेटे<br />मन में या नयन में रहेगी I<br />kya gahan arth haiरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-76317475445933652282010-11-22T14:37:11.009+05:302010-11-22T14:37:11.009+05:30अनीता जी,
वाह...सच कहूँ तो मुँशी प्रेमचंद और खलील...अनीता जी,<br /><br />वाह...सच कहूँ तो मुँशी प्रेमचंद और खलील जिब्रान के विचारों को सही ढंग से तो आप ही समझ पाती हैं.....जिसने रौशनी को महसूस किया हो वही उसके वजूद को बयां कर सकता है....अंधेरों में रहने वाले रौशनी को देख कर भी नहीं देख पाते ....शुक्रिया आपका|Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-80107385589183223952010-11-22T14:19:51.157+05:302010-11-22T14:19:51.157+05:30अनीता जी,
वाह....सुभानाल्लाह........ इस कविता के ...अनीता जी,<br /><br />वाह....सुभानाल्लाह........ इस कविता के बारे में कहने के लिए और शब्द नहीं हैं मेरे पास ....मेरा मौन ही मेरी आत्मा की तृप्ति को बयां कर देगा.....बहुत सुन्दर|Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-87252702135899530402010-11-22T11:20:33.693+05:302010-11-22T11:20:33.693+05:30man ko behad bhaya ye man madir aur rehne vali vim...man ko behad bhaya ye man madir aur rehne vali vimal aatam.. kavita kee atmaa behad shuddh hai.. sundar rachna..डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीतिhttps://www.blogger.com/profile/08478064367045773177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-23562202355895061772010-11-22T11:19:10.821+05:302010-11-22T11:19:10.821+05:30मन मंदिर के द्वार खोल ही आत्मा मिल सकती है ..बहुत ...मन मंदिर के द्वार खोल ही आत्मा मिल सकती है ..बहुत अच्छी रचना ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com