tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post3730325807696335644..comments2024-03-29T09:56:47.729+05:30Comments on मन पाए विश्राम जहाँ: जिसने जाना राज अनोखाAnitahttp://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-77715570341900801482010-11-24T18:27:42.527+05:302010-11-24T18:27:42.527+05:30किसकी बात करें-आपकी प्रस्तुति की या आपकी रचनाओं क...किसकी बात करें-आपकी प्रस्तुति की या आपकी रचनाओं की। सब ही तो आनन्ददायक हैं।संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-18607985665476811172010-11-24T17:08:22.762+05:302010-11-24T17:08:22.762+05:30इमरान जी, आपने बिल्कुल सही कहा है, 'जीया' ...इमरान जी, आपने बिल्कुल सही कहा है, 'जीया' ही होना चाहिए, धन्यवाद ! यह तस्वीर दुलियाजान के निकट बह रही एक नदी की है.Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-72648572356239213492010-11-24T14:20:23.062+05:302010-11-24T14:20:23.062+05:30अनीता जी,
बहुत सुन्दर कविता....इस बार आपने तस्वीर...अनीता जी,<br /><br />बहुत सुन्दर कविता....इस बार आपने तस्वीर का भी बहुत सुन्दर प्रयोग किया है...सच कहूँ तो तस्वीर पोस्ट में चार चाँद लगा देती है.....ये पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगीं......शुभकामनायें| <br /><br />"कितना अद्भुत खेल रचा है <br />खुद को ढूंढे खुदी छुपा है, <br />जिसने जाना राज अनोखा <br />जीवन उसने ही जिया है !"<br /><br />मुझे लगता है यहाँ 'जिया' की जगह 'जीया' Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-64548003398825745722010-11-24T12:41:40.187+05:302010-11-24T12:41:40.187+05:30खुद को खुद से मिलाती रचना ....बहुत सुन्दरखुद को खुद से मिलाती रचना ....बहुत सुन्दरसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-14762178551893024112010-11-24T08:33:07.594+05:302010-11-24T08:33:07.594+05:30कितना अद्भुत खेल रचा है
खुद को ढूंढे खुदी छुपा है,...कितना अद्भुत खेल रचा है<br />खुद को ढूंढे खुदी छुपा है,<br />जिसने जाना राज अनोखा<br />जीवन उसका धन्य हुआ है !<br />adbhut hi hai ....रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-58005204228060543312010-11-23T21:42:02.575+05:302010-11-23T21:42:02.575+05:30....लेकिन जब तक मुड़ें न भीतर
खुद को हम क्योंक.......लेकिन जब तक मुड़ें न भीतर<br /> खुद को हम क्योंकर ही पाएँ !<br /><br />अद्भुत,सच्ची अभिव्यक्ति!वाह!ktheLeo (कुश शर्मा)https://www.blogger.com/profile/03513135076786476974noreply@blogger.com