tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post4505380879986483227..comments2024-03-29T09:56:47.729+05:30Comments on मन पाए विश्राम जहाँ: हम अनंत तक को छू आतेAnitahttp://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-90853305669900039582010-11-29T10:52:15.320+05:302010-11-29T10:52:15.320+05:30एक बार पा परम संपदा
सारे जग से नाता जोड़ें !
अत्य...एक बार पा परम संपदा<br />सारे जग से नाता जोड़ें ! <br /><br />अत्यंत शीतल.Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-91331694878472355412010-11-26T17:24:34.916+05:302010-11-26T17:24:34.916+05:30सुन्दर रचना
भाव और दर्शनमयसुन्दर रचना <br />भाव और दर्शनमयM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-33967570287926838742010-11-26T13:35:07.835+05:302010-11-26T13:35:07.835+05:30आप सभी सुधी पाठकों का आभार! इमरान जी आप शायद भूल ग...आप सभी सुधी पाठकों का आभार! इमरान जी आप शायद भूल गए हैं मैंने सदगुरु का नाम बताया था, श्री श्री रविशंकर जी ! वैसे तो सारा जगत ही हमें हर पल सिखा रहा है, सदगुरु एक ही बात कहते हैं नियमित साधना, ध्यान करो, शेष सब अपने आप हो ही रहा है !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-9017386629942596322010-11-26T12:10:51.261+05:302010-11-26T12:10:51.261+05:30अनीता जी ,
hats off to you...with standing ovatio...अनीता जी ,<br /><br />hats off to you...with standing ovation.....<br /><br />शब्द नहीं हैं और ...<br /><br />"देह पिंजर में पंछी मन का<br />पांच सीखचों में से ताके,<br />देह दीये में ज्योति उसकी<br />दो नयनों से झिलमिल झांके !"<br /><br />पांच सींखचे....यानी पांचो ज्ञानेन्द्रियाँ...... वाह<br /><br />आपके ब्लॉग पर आकर आत्मा को तृप्ति होती है काफी शंतोई का अनुभव होता है...मैं जनता हूँ Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-50293473729211693342010-11-26T11:20:23.285+05:302010-11-26T11:20:23.285+05:30अनीत जी,
कविता समय चक्र के तेज़ घूमते पहिए का चित्...अनीत जी,<br />कविता समय चक्र के तेज़ घूमते पहिए का चित्रण है। कविता की पंक्तियां बेहद सारगर्भित हैं।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-25421227076151758152010-11-26T11:20:05.195+05:302010-11-26T11:20:05.195+05:30बाहर छोड़ें, भीतर मोड़ें
टुकड़ों में मन कभी न तोडे...बाहर छोड़ें, भीतर मोड़ें<br />टुकड़ों में मन कभी न तोडें<br />एक बार पा परम संपदा<br />सारे जग से नाता जोड़ें !<br /><br />अध्यात्म का सन्देश देती अच्छी रचना ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-5755579554734891262010-11-26T11:08:53.935+05:302010-11-26T11:08:53.935+05:30आदरणीय अनिता जी
नमस्कार !
आपकी कविता पढ़कर मन अभिभ...आदरणीय अनिता जी<br />नमस्कार !<br />आपकी कविता पढ़कर मन अभिभूत हो गया खुबसूरत होने के साथ-साथ हृदयस्पर्शी भी है.संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-31909586491483069212010-11-26T11:00:03.312+05:302010-11-26T11:00:03.312+05:30सोने चांदी हीरे मोती
पल दो पल का साथ निभाते,
प्रीत...सोने चांदी हीरे मोती<br />पल दो पल का साथ निभाते,<br />प्रीत खुशी पावन ऊर्जा से<br />हम अनंत तक को छू आते <br />बेहद खूबसूरत रचना... प्रीत की रीत बखूबी छाई है...POOJA...https://www.blogger.com/profile/03449314907714567024noreply@blogger.com