tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post493573915949851625..comments2024-03-29T09:56:47.729+05:30Comments on मन पाए विश्राम जहाँ: चलो उगा दें चांद प्रीत काAnitahttp://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-79694037889518521992011-09-26T15:48:00.867+05:302011-09-26T15:48:00.867+05:30कोशिश तो यही जारी है अनीता जी पर शायद माया का बंधन...कोशिश तो यही जारी है अनीता जी पर शायद माया का बंधन मजबूत है आसानी से नहीं टूटता |Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-30006620864764778142011-09-26T08:20:03.657+05:302011-09-26T08:20:03.657+05:30बहुत ही प्यारी कल्पना है। बधाई स्वीकारें अनीता ...बहुत ही प्यारी कल्पना है। बधाई स्वीकारें अनीता जी, इस सुंदर कविता के लिए।<br /><br />शायद आपने <b><a href="http://za.samwaad.com/2011/08/blogs-essential.html" rel="nofollow">ब्लॉग के लिए ज़रूरी चीजें</a></b> अभी तक नहीं देखीं। यहाँ आपके काम की बहुत सारी चीजें हैं।Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-39489796546784918782011-09-25T16:30:39.343+05:302011-09-25T16:30:39.343+05:30फिर उपजेगा मौन अनोखा, जिससे कम की मांग व्यर्थ है
प...फिर उपजेगा मौन अनोखा, जिससे कम की मांग व्यर्थ है<br />प्रश्न सभी खो जायेंगे तब, आत्म मिलन का यही अर्थ है !<br /> बहुत ही सुंदर भावाव्यक्ति क्या कहें वाह वाह ....Sunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-43779896509808080462011-09-25T10:27:28.343+05:302011-09-25T10:27:28.343+05:30रांति घटेगी उगेगा सूरज, भीतर सोया जब जागेगा,
परम ख...रांति घटेगी उगेगा सूरज, भीतर सोया जब जागेगा,<br />परम खींचता हर पल सबको, आत्म क्षितिज तब रंग जायेगा <br /><br />बेहतरीन कविता। <br /><br />सादरYashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-15738909902687387112011-09-25T08:11:24.163+05:302011-09-25T08:11:24.163+05:30क्रांति घटेगी उगेगा सूरज, भीतर सोया जब जागेगा,
परम...क्रांति घटेगी उगेगा सूरज, भीतर सोया जब जागेगा,<br />परम खींचता हर पल सबको, आत्म क्षितिज तब रंग जायेगा !<br /><br />बहुत ही उत्कृष्ट रचना और बहुत खूबसूरत भाव.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-77398074193547541982011-09-24T22:30:48.483+05:302011-09-24T22:30:48.483+05:30चलो झटक दें हर उस दुःख को, जो तुमसे मिलने में बाधक...चलो झटक दें हर उस दुःख को, जो तुमसे मिलने में बाधक<br /> चाहो तो तुम्हें अर्पण कर दें, बन जाएँ अर्जुन से साधक !अच्छी रचना....विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-18792287100323549602011-09-24T20:00:18.226+05:302011-09-24T20:00:18.226+05:30चलो गिरा दें सभी आवरण, गोपी से हो जाएँ खाली
उर के ...चलो गिरा दें सभी आवरण, गोपी से हो जाएँ खाली<br />उर के भेद सब ही खोल दें, रास रचाएं संग वनमाली !<br /><br />बहुत ही गहन सारगर्भित अभिव्यक्ति...बहुत उत्कृष्ट प्रस्तुति..Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-50165021556964546632011-09-24T19:32:54.040+05:302011-09-24T19:32:54.040+05:30चलो उगा दें चाँद प्रीत का, तुमसे ही जो करे प्रतिस्...चलो उगा दें चाँद प्रीत का, तुमसे ही जो करे प्रतिस्पर्धा<br />चाहो तो अंजुरी भर-भर दें, भीतर उमग रही जो श्रद्धा !<br /><br />बहुत सुन्दर ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-64907874510012382252011-09-24T19:08:28.786+05:302011-09-24T19:08:28.786+05:30चलो उगा दें चाँद प्रीत का
सुन्दर प्रस्तुति पर बधा...चलो उगा दें चाँद प्रीत का<br /><br />सुन्दर प्रस्तुति पर बधाई ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-69507219274415180482011-09-24T18:42:16.248+05:302011-09-24T18:42:16.248+05:30वाह ...कितने सुंदर रंग हैं ....!!वाह ...कितने सुंदर रंग हैं ....!!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-80765906103967336562011-09-24T16:05:44.361+05:302011-09-24T16:05:44.361+05:30बहुत अच्छी लगीं।बहुत अच्छी लगीं।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14612724763281042484noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-24836901153562790702011-09-24T15:10:57.301+05:302011-09-24T15:10:57.301+05:30फिर उपजेगा मौन अनोखा, जिससे कम की मांग व्यर्थ है
...फिर उपजेगा मौन अनोखा, जिससे कम की मांग व्यर्थ है <br />प्रश्न सभी खो जायेंगे तब, आत्म मिलन का यही अर्थ है !और <br />इस अनोखे मौन को गूंगे के गुड़ की तरह बयान नही किया जा सकता.geetachandnahttps://www.blogger.com/profile/14564664486059334886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-16659509929957015882011-09-24T14:55:55.583+05:302011-09-24T14:55:55.583+05:30वाह अनीता जी गज़ब कर दिया …………जब इस अवस्था मे आ जा...वाह अनीता जी गज़ब कर दिया …………जब इस अवस्था मे आ जायेगा तब ही स्वंय को पा जायेगा……………बेहद सशक्त और शानदार प्रस्तुति अन्तर्मन को छू गयी।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.com