tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post5317807136338252627..comments2024-03-29T09:56:47.729+05:30Comments on मन पाए विश्राम जहाँ: नव गीत जब रचने को हैAnitahttp://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-8803324636327280022010-12-16T10:03:40.767+05:302010-12-16T10:03:40.767+05:30इमरान जी, दिल की गहराई से निकली हर बात दिल को न छु...इमरान जी, दिल की गहराई से निकली हर बात दिल को न छुए ऐसा कैसे हो सकता है हाँ दिल से महसूसने का हुनर आना चाहिए, वह तो हर समय हमारे साथ है बस उस खुदा से गुफ्तगू करने की फुर्सत होनी चाहिए !<br />आकांक्षा जी, आपका स्वागत है, आशा है आपका हमारा साथ लम्बा चलेगा, प्रेम ही तो मेरी सारी कविताओं का आधार है ! परम के प्रति प्रेम!<br />संगीता जी आपका आभार !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-54809714993019390792010-12-15T23:20:04.970+05:302010-12-15T23:20:04.970+05:30तौलने को पर मिले भार दिल में क्यों भरें,
आस्था की...तौलने को पर मिले भार दिल में क्यों भरें, <br />आस्था की डोर थामे मंजिलें नई तय करें <br /><br />बहुत सुन्दर गीत ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-25174895797582820712010-12-15T15:33:55.958+05:302010-12-15T15:33:55.958+05:30पहली बार आपके ब्लॉग पर आई. आपकी रचनाएँ तो बहुत खूब...पहली बार आपके ब्लॉग पर आई. आपकी रचनाएँ तो बहुत खूबसूरत हैं..बधाई. <br /><br />'सप्तरंगी प्रेम' के लिए आपकी प्रेम आधारित रचनाओं का स्वागत है.<br />hindi.literature@yahoo.com पर मेल कर सकती हैं.Akanksha Yadavhttps://www.blogger.com/profile/10606407864354423112noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6474592890557237793.post-59244795451412235222010-12-15T14:56:37.234+05:302010-12-15T14:56:37.234+05:30अनीता जी,
क्या कहूँ....बस यही कह सकता हूँ ....सुभ...अनीता जी,<br /><br />क्या कहूँ....बस यही कह सकता हूँ ....सुभानाल्लाह ......हर पंक्ति दिल को छू लेने वाली....कोई किस क़दर किसी से कम नहीं......बहुत ही सुन्दर लगी ये कविता....गुनगुनाने को जी चाहता है........और आखिरी बात बहुत ही पसंद आई.....<br /><br />'हर नाम में बसता है वह नाम जिसका है नहीं '<br /><br />इस पोस्ट के लिए आपको ढेरों शुभकामनायें|Anonymousnoreply@blogger.com