सत्य क्या है
देह या आत्मा
जगत या परमात्मा
दुःख या सुख
दोनों या दोनों के परे ?
देह टिकती नहीं, है जगत निरंतर गतिमान, दुःख नहीं भाता
आत्मा है शाश्वत, परमात्मा अटल, सुख सदा लुभाता
जो है सदा, ध्रुव, और प्रिय
हाँ, वह हो सकता है सत्य !
पर... यदि देह न हो तो आत्मा का ज्ञान नहीं होता
संसार न हो परमात्मा कहाँ मिलेगा
दुःख न सहा हो तो सुख का मोल कौन जान सकेगा
सो दोनों हैं सत्य !
देह और आत्मा के परे, ब्रह्म
जगत व परमात्मा से परे, शून्य
दुःख और सुख से परे, शांति
तब तो दोनों से परे भी है सत्य !
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 21.5.2020 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3708 में दिया जाएगा। आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंदेह या आत्मा
जवाब देंहटाएंजगत या परमात्मा
दुःख या सुख
दोनों या दोनों के परे ?
लाजवाब प्रश्न.. इस प्रश्न का उत्तर मिल जाये तो इंसान बुद्धत्व को प्राप्त हो ...बहुत ही उम्दा रचना
वाह !बेहतरीन सृजन जीवन दर्शन पर आदरणीय दीदी.
जवाब देंहटाएं