आया अगस्त 
नव उजास नव आस लिए फिर 
नव प्रभात अगस्त ले आया, 
त्योहारों  का उल्लास लिए  
शुभ अष्टम सु-मास यह  आया !
रक्षा सूत्र बँधे हाथों में 
अंतर प्रीत प्रकट हो इनमें, 
अमर अदाह्य अभेद चेतना 
सदा अभय ही जाना जिसने !
राम बसे जो रोम रोम में 
महिमावान प्रभु पुनः विराजें, 
मंगलमय संदेश प्रेम का 
छाये, हर दुर्बलता त्यागें !
मोहक मधुर तीज हरियाली 
कान्हा का अवतरण दिवस भी, 
ध्वज आरोहण लालकिले पर 
गणपति का होगा पूजन  भी !
कौशल पा सब कर्मशील हों 
भारत की सुनीति शुभकारी
श्रद्धा सँग विश्वास पर टिकी,
शिक्षा में भी अब झलकेगी !
सदा रहे चहुँ ओर सुरक्षित 
सुंदर रीति नीति अपनाए, 
सजग और सतर्क रहकर ही 
स्वयं बचे और को बचाए !

सादर नमस्कार,
जवाब देंहटाएंआपकी प्रविष्टि् की चर्चा सोमवार(03-08-2020) को "त्योहारों का उल्लास लिए शुभ अष्टम सु-मास यह आया !" (चर्चा अंक-3782) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है ।
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"मीना भारद्वाज"
बहुत बहुत आभार !
हटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंसुन्दर
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