मन पाए विश्राम जहाँ
नए वर्ष में नए नाम के साथ प्रस्तुत है यह ब्लॉग !
सोमवार, अप्रैल 30
बुद्ध का निर्वाण
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बुद्ध का निर्वाण एक बार देख मृत देह हो गया था बुद्ध को वैराग्य अपार हजार मौतें नित्य देख हम बढ़ा रहे सुविधाओं के अंबार जरा...
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गुरुवार, अप्रैल 26
कोई देख-देख हँसता है
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कोई देख-देख हँसता है आँख मुँदे उसके पहले ही क्यों ना खुद से नजर मिला लें, अनदेखे, अनजाने से गढ़ भेद अलख के मोती पा लें ! ...
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शुक्रवार, अप्रैल 20
अनगाया गीत एक
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अनगाया गीत एक हरेक के भीतर एक छुपी है अनकही कहानी और छुपा है एक अनगाया गीत भी एक निर्दोष, शीतल फुहार सी हँसी भी कैद...
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गुरुवार, अप्रैल 19
बहना भूल गया यमुना जल
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बहना भूल गया यमुना जल माधव , मुकुंद , मोहन , गिरधर नाम-नाम में छुपे प्रीत स्वर , प्रेम डोर में बाँध , विरह की परिभाषा ग...
गुरुवार, अप्रैल 12
पल-पल सरक रहा संसार
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पल-पल सरक रहा संसार कौन यहाँ किसको ढूंढे है किसे यहाँ किधर जाना है , खबर नहीं कण भर भी इसकी पल भर का नहीं ठिकाना है !...
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बुधवार, अप्रैल 11
मुक्त हुआ हर अंतर उस पल
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मुक्त हुआ हर अंतर उस पल पैमाना हम ही तय करते जग को जिसमें तोला करते, कुदरत के भी नयन हजारों भुला सत्य यह व्यर्थ उलझते ! जो ...
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सोमवार, अप्रैल 9
टूट गया जड़ता का बंधन
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टूट गया जड़ता का बंधन कुसुम उगाया उपवन में जब मन मकरन्द हुआ जाता है, प्रीत भरी इक नजर फिराई अंतर् भीग-भीग जाता है ! खंजन ...
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बुधवार, मार्च 28
एक नगमा जिन्दगी का
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एक नगमा जिन्दगी का एक दरिया या समन्दर बह रहा जो प्रीत बनकर , बाँध मत बाँधें तटों पर उमग जाये छलछलाकर ! एक प्यारी सी हँ...
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