मन पाए विश्राम जहाँ

नए वर्ष में नए नाम के साथ प्रस्तुत है यह ब्लॉग !

शनिवार, अक्टूबर 1

आतुर है सूरज उगने को

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आतुर है सूरज उगने को श्वासें महकें  अंतर चहके  पल पल नव गीत बजें भीतर, जीवन जो भी भेंट दे रहा स्वीकारें उत्साहित  होकर ! कभी-कभी ढक गया उजाल...
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शुक्रवार, सितंबर 30

पल दो पल की है यह माया

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पल दो पल की है यह माया  यह जो घट रहा मन से जुड़ा    हो  घनी धूप चाहे छाया, व्यर्थ मिटाने का श्रम करता   केवल पल दो पल की माया ! सत्य मानकर यद...
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मंगलवार, सितंबर 27

माया

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  माया  निर्विकल्प होकर ही  मिला जा सकता है उससे  जिसे अज्ञानी मिल सकते हैं  पर जानने का अभिमान रखने वाले नहीं  जो  बचाए रखता है खुद को बार-...
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सोमवार, सितंबर 26

सर्वमंगला मंगल लाए

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सर्वमंगला मंगल लाए जगज्जननी ! महा  मूल प्रकृति ! ज्योतिस्वरूपा वामदेवी, जगदम्बा, ईशा,  सरस्वती लक्ष्मी, गंगा, उमा, पार्वती ! अपरा दुर्गा देव...
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शनिवार, सितंबर 24

लहर उठी सागर से कोई

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लहर उठी सागर से कोई ​​तू मुझमें ही वास कर रहा या मैं तेरे घर हूँ आया ? रहना-आना दोनों मिथ्या   एक तत्व है कौन पराया ! लहर उठी सागर से कोई  अ...
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गुरुवार, सितंबर 22

अंतहीन उसका है आंगन

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अंतहीन उसका है आंगन  मौन से इक उत्सव उपजता  नई धुनों का सृजन हो रहा, मन में प्रीत पुष्प जन्मा है   सन्नाटे से गीत उठ रहा ! उस असीम से नेह लग...
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मंगलवार, सितंबर 20

दंत कथा

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दंत कथा  दांतों तले उँगली दबाते, देख एआई  के कमाल  आज मरने के बाद भी पूछा जाता है मृतक का, उसी से हाल दांत काटे की रोटी खाते हैं जो, कभी अ...
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रविवार, सितंबर 18

जैसे कोई घर लौटा हो

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जैसे कोई घर लौटा हो जगत पराया सा लगता था  जब थी तुझसे पहचान नहीं,  तेरी आँखों को पहचाना   सबमें  झांक रहा था तू ही ! अब कहाँ कोई है दूसरा  ज...
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शुक्रवार, सितंबर 16

शुभ दीपक एक जलाना है

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शुभ दीपक एक जलाना है छँट जाएगा घोर अँधेरा  उहापोह, उलझन का डेरा,  थोड़ा सा स्नेह जगाना है  शुभ दीपक एक जलाना है ! एक से फिर अनेक जल सकते ज्यो...
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बुधवार, सितंबर 14

हिंदी या हिंग्लिश

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हिंदी या हिंग्लिश हिंदी दिवस पर अंग्रेजी में ट्वीट करते लोग  हिंदी प्रेम होने का दम भरते हैं  हिंदी के एक वाक्य में  बस दो-चार अंग्रेजी के श...
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मंगलवार, सितंबर 13

पाहन सा दिल बना लिया जो

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पाहन सा दिल बना लिया जो  ​​ पल-पल कोई साथ हमारे  सदा नज़र के आगे रखता,  आँखें मूँदे हम रहते पर  निशदिन वह जागा ही रहता ! पाहन सा दिल बना लिय...
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रविवार, सितंबर 11

रविवार की सुबह सुहानी

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आजकल महानगरों में अक्सर ऐसा होता है कि एक ही शहर में रहने वाले पुत्र-पुत्रियाँ केवल छुट्टी के दिन माता-पिता से मिलने आ पाते हैं। काम का इतना...
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Anita
यह अनंत सृष्टि एक रहस्य का आवरण ओढ़े हुए है, काव्य में यह शक्ति है कि उस रहस्य को उजागर करे या उसे और भी घना कर दे! लिखना मेरे लिये सत्य के निकट आने का प्रयास है.
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