एक और नया साल
नव-शिशु सा कोमल नव-कलि सा, यह नव-गीतिका सा श्यामल
मधुर रागिनी सा कानों को, सुख संदेसे देता प्रतिपल I
संघर्ष लिये कुछ स्वप्न नए, नव चुनौतियाँ कुछ आशाएं
लो फिर आया है साल नया, कुछ नयी रचाने गाथाएं I
जीवन हर क्षण नया हो रहा, काल न जाने कहाँ खो रहा
लाखों बरस समाये भीतर, सृष्टिकर्ता नया बो रहा I
नए बरस का अर्थ यही है, नया नया यह जग हो जाये
पीड़ा जिसने दी हो अब तक, अपना वह हर मन खो जाये I
एक नया मौका जीने का, फटे हुए दामन सीने का
एक बार खुल कर हँसने का, झटक पुराना नव चुनने का I
अब तक जो पाया सो पाया, नया साल कुछ देने आया
हिम्मत से जो हाथ बढाए, हर भय जिसने दूर भगाया I
तोड़ के सारे झूठे बंधन, छोड़ के मन के सब अवगुंठन
भरे पुलक उर में नयनों में, उत्सुक हो करे अभिनन्दन I
सृजन करे आनंद उगाए, गहराई से मोती लाए
हँसी से सींचे फसल प्रेम की, पलकों से खुशियाँ बिखराए I
समझ इशारा पल-पल जी ले, नित नूतन आनंद को पी ले
सत्यम, शिवम, सुन्दरम के हित, सजा के धरती अम्बर छू ले I
अनिता निहालानी
२७ दिसंबर २०१०
अनीता जी,
जवाब देंहटाएंनव वर्ष के शुभ आगमन पर आपकी ये पोस्ट बहुत सुन्दर लगी......
सृजन करे आनंद उगाए, गहराई से मोती लाए
जवाब देंहटाएंहँसी से सींचे फसल प्रेम की, पलकों से खुशियाँ बिखराए ।
बहुत ही खूबसूरत अंदाज है नववर्ष की शुभकामनाओं का ...।
तोड़ के सारे झूठे बंधन, छोड़ के मन के सब अवगुंठन
जवाब देंहटाएंभरे पुलक उर में नयनों में, उत्सुक हो करे अभिनन्दन I
....
बहुत सुन्दर..नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
जीवन हर क्षण नया हो रहा, काल न जाने कहाँ खो रहा
जवाब देंहटाएंलाखों बरस समाये भीतर, सृष्टिकर्ता नया बो रहा I
---बहुत सटीक वर्णन नए साल का.मुबारक हो हर क्षण .