जीवन का प्रतीक वसंत है
यौवन का प्रतीक वसंत है,
होली मिश्रण है दोनों का
हँसता जिसमें दिग-दिगंत है !
रस, माधुर्य और सरसता
आशा, स्फूर्ति व मादकता
होली अंतर की उमंग है
अमर प्रेम की है गहनता !
जिंदादिल उत्साह दिखाते
शक्ति भीतर भर-भर पाते,
होली के स्वागत में आनंद
पाते उर में और लुटाते !
सुंदर, शुभ कल्पना सजती
रंगों की आपस में ठनती,
लाल भाल, कपोल गुलाबी
मोर पंख सी चुनरी बनती !
फूलों से मन खिल-खिल जाते
अणु-अणु सृष्टि के मुस्काते,
लुटा रहा मौसम जो सुरभि
चकित हुए नासापुट पाते !
हरा-भरा प्रफुल्लित अंतर
कण-कण में झलके वह सुंदर,
मधुरिम, मृदुलिम निर्झर सा मन
कल-कल करे निनाद निरंतर !
मादक अमृत सी ऋतु होली
अमराई में कोकिल बोली,
जोश भरा उन्मुक्त हृदय ले
निकली मत्त मुकुल की टोली !
अनिता निहालानी
१७ मार्च २०११
अनीता जी,
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ढंग से आपने होली के रंगों में रंग दिया है इस पोस्ट को .......रंगों का त्यौहार बहुत मुबारक हो आपको और आपके परिवार को|
बहुत सुन्दर उकेरा है होली के भावों का शब्दचित्र..बहुत सुन्दर..होली की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंजीवन का प्रतीक वसंत है
जवाब देंहटाएंयौवन का प्रतीक वसंत है,
होली मिश्रण है दोनों का
हँसता जिसमें दिग-दिगंत है !
Bahut sundar vyaakhyaa.