माँ तेरे रूप अनेक
जगज्जननी ! हे मूल प्रकृति !
ज्योतिस्वरूपा सनातनी,
जगदम्बा, माँ सरस्वती
लक्ष्मी, गंगा, पार्वती !
दुर्गा देवी सदा सहाय
जीवन में बाधा जब आए,
भद्र काली करे कल्याण
माँ अम्बिका स्नेह लुटाए !
अन्नपूर्णा भरे भंडारे
सर्वमंगला मंगल लाए,
चण्डिका परम शक्ति
भैरवी भय हरले जाय !
आनंद दायिनी ललिता देवी
जीवन दात्री है भवानी,
मुकाम्बिका माँ त्रिपुर सुन्दरी
कुमुदा, कुंडलिनी, रुद्राणी !
पावन पर्व की शुभकामनायें|
जवाब देंहटाएंजय माता की…………सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति ||
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई ||
जय माता की....बहुत सुन्दर वंदन
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति. नवरात्रि की बहुत शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंदुर्गा देवी सदा और सभी पर सहाय .ह्रदय सी ऐसी ही अभिलाषा उठ रही है.
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग ' जज़्बात.....दिल से दिल तक' की नयी पोस्ट आपके ज़िक्र से रोशन है......जब भी फुर्सत मिले ज़रूर देखें|
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