फिर खाली हो मुस्काएगा
एकाकी पर नहीं अकेला
अंतर में सबके इक मेला,
इक आवाज सदा गूंजती
जो करती है ठेलमठेला !
रुकते-रुकते फिर चल पड़ता
गिरते-गिरते फिर उठ जाता,
नन्हा सा यह दिल बेचारा
डगमग करता फिर थम जाता !
कभी-कभी ही खुद से मिलता
ज्यादातर दौरे पर रहता,
अपने घर आने से डरता
यहाँ वहाँ ही डोला करता !
कुछ भी नहीं है जो खो जाये
व्यर्थ ही घेराबंदी करता,
इधर-उधर का ज्ञान अधूरा
मोहर लगा चकबंदी करता !
इक दिन तो थक कर बैठेगा
निज के ताने बाने खोले,
खुलवायेगा अपने घर के
डरते-डरते भेद अबोले !
फिर खाली हो मुस्काएगा
विश्रांति की फसल उगाने,
भर-भर कर झोली उमंग से
गायेगा फिर गीत, तराने !
बहुत सुंदर भाव ..यथार्त ही है ...
जवाब देंहटाएंआपकी किसी पोस्ट की चर्चा है कल शनिवार (12-11-2011)को नयी-पुरानी हलचल पर .....कृपया अवश्य पधारें और समय निकल कर अपने अमूल्य विचारों से हमें अवगत कराएँ.धन्यवाद|
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंअंतर में सबके इक मेला,
जवाब देंहटाएंसच्ची बात!
ये ज़िन्दगी के मेले जीवन में कम न होंगे!
जवाब देंहटाएंएकाकी पर नहीं अकेला
जवाब देंहटाएंअंतर में सबके इक मेला,
इक आवाज सदा गूंजती
जो करती है ठेलमठेला !
...यह बंद बेहतरीन है।
कुछ भी नहीं है जो खो जाये
जवाब देंहटाएंव्यर्थ ही घेराबंदी करता,
इधर-उधर का ज्ञान अधूरा
मोहर लगा चकबंदी करता !
बहुत चक्कर लगाने हैं चकबंदी कि मोहर के लिए,अनीता जी.
सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.
कभी-कभी ही खुद से मिलता
जवाब देंहटाएंज्यादातर दौरे पर रहता,
अपने घर आने से डरता
यहाँ वहाँ ही डोला करता !
बहुत बढ़िया ... सुन्दर प्रस्तुति
कुछ भी नहीं है जो खो जाये
जवाब देंहटाएंव्यर्थ ही घेराबंदी करता,
इधर-उधर का ज्ञान अधूरा
मोहर लगा चकबंदी करता !
...बहुत सच कहा है...अपना कुछ भी नहीं और सब कुछ यहीं छोड़ कर जाना है, फिर भी दुनियां में सबकुछ इकठ्ठा करने में जन्म गँवा देता है...बहुत सुन्दर प्रस्तुति..आभार
मेला है कितना अलबेला....
जवाब देंहटाएंसुन्दर गीत...
सादर बधाई...
एकाकी पर नहीं अकेला
जवाब देंहटाएंअंतर में सबके इक मेला,
इक आवाज सदा गूंजती
जो करती है ठेलमठेला !
बहुत सुन्दर प्रस्तुति.
आभार.
आपकी पोस्ट सोमबार १४/११/११ को ब्लोगर्स मीट वीकली (१७)के मंच पर प्रस्तुत की गई है /आप आइये और अपने विचारों से हमें अवगत करिए /आप इसी तरह हिंदी भाषा की सेवा अपनी रचनाओं के द्वारा करते रहें यही कामना है /आपका "ब्लोगर्स मीट वीकली (१७) के मंच पर स्वागत है /जरुर पधारें /आभार /
जवाब देंहटाएंआप और आपकी बेहतरीन कवितायेँ दोनों बेजोड़ है.............हैट्स ऑफ |
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