नए वर्ष में नए नाम के साथ प्रस्तुत है यह ब्लॉग !
बहुत सुन्दर ..अनीता जी..
मानव जीवन की अंतिम सच्चाई .. निखर कर इस कविता में आई है।
आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 23-08 -2012 को यहाँ भी है .... आज की नयी पुरानी हलचल में .... मेरी पसंद .
bahut khoob !
very good thoughts.....मेरे ब्लॉगजीवन विचार पर आपका हार्दिक स्वागत है।
बहुत गहन भाव लिए हुये
कवि और कवि की आत्मा पर एक सुंदर रूपक...काव्य धर्म,उत्सव कर्म और इन सबके विस्तार के महासागर में नृत्य की तरंग!!! वाह!!!
माहेश्वरी जी, मनोज जी, संगीता जी, शांति जी व रेवा जी आप सभी का हार्दिक स्वागत व आभार !
बहुत खूब|||बहुत सुन्दर रचना...:-)
बहुत ही बढ़िया सादर
बहुत बढ़िया ........
गहन भाव लिये सुन्दर कविता ।
सच में कविता कवि की आत्मा ही होती है भावनाओं के सागर का मंथन कर शब्द रुपी रत्न निकल कर आते हैं और कविता का श्रृंगार करते हैं
बहुत सुन्दर ..अनीता जी..
जवाब देंहटाएंमानव जीवन की अंतिम सच्चाई .. निखर कर इस कविता में आई है।
जवाब देंहटाएंआपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 23-08 -2012 को यहाँ भी है
जवाब देंहटाएं.... आज की नयी पुरानी हलचल में .... मेरी पसंद .
bahut khoob !
जवाब देंहटाएंvery good thoughts.....
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग
जीवन विचार पर आपका हार्दिक स्वागत है।
बहुत गहन भाव लिए हुये
जवाब देंहटाएंकवि और कवि की आत्मा पर एक सुंदर रूपक...काव्य धर्म,उत्सव कर्म और इन सबके विस्तार के महासागर में नृत्य की तरंग!!! वाह!!!
जवाब देंहटाएंमाहेश्वरी जी, मनोज जी, संगीता जी, शांति जी व रेवा जी आप सभी का हार्दिक स्वागत व आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत खूब|||
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना...
:-)
बहुत ही बढ़िया
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत बढ़िया ........
जवाब देंहटाएंगहन भाव लिये सुन्दर कविता ।
जवाब देंहटाएंसच में कविता कवि की आत्मा ही होती है भावनाओं के सागर का मंथन कर शब्द रुपी रत्न निकल कर आते हैं और कविता का श्रृंगार करते हैं
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