शम्भो शंकर हे महादेव
शूलपाणि, हे गंगाधर, हे महादेव, औघड़ दाता
हे त्रिपुरारी, शंकर शम्भो, हे जगनायक, जग के त्राता !
हे शिव, भोले, मृत्युंजय हे, तुम नीलकंठ, जटाधारी
हो आशुतोष, अनंत, अनादि, हे अडोल, नागधारी !
हे अंशुमान, त्रिनेत्रधारी, अभयंकर,
हे महाकाल
विश्वेश्वर, हे जगतपिता, हे सुंदर आनन, उच्च भाल !
कैलाशपति, हे गौरीनाथ, हे शक्तिमान, डमरू धारी
हे महारूद्र, काल भैरव, तुम भूतनाथ, गरल धारी !
हे शार्दूल, हो तेजपुंज, हे सर्वेश्वर, नन्दीश्वर हे
त्रयम्बक, पशुपतिनाथ, हे आदिदेव हर हर हर हे !
हे विरूपाक्ष, निराकार, हे महेश, चन्द्रशेखर
सदाशिवं, हे चिदानंद, विशम्भर, हे शैलेश्वर !
भस्म विभूषित, करुणाकर, प्रलयंकर, सुंदराक्ष
हे विश्वात्मा, तुम जगतबीज, ताण्डवकर्ता, हे नटराज !
महेश्वरा, त्रिभुवन पालक, काशीनाथ हे जगदीश्वर
नमोः नमः हे शम्भुनाथ, नमोः नमः हे सोमेश्वर !
तुम बहाते ज्ञान गंगा, मौनधारी तत्व हो तुम
हे अडोल पर्वत जैसे, कैलाश पति अमृत हो तुम !
विमल तुम्हारा मन भी, ज्यों शुभ्र श्वेत धवल हिम
अंतर्ज्योति से जलते भीतर, आकार है ब्रह्मांड सम !
जय शिवशंकर-
जवाब देंहटाएंआभार आदरेया-
बहत ही सुन्दर शिव नाम-स्तुति -बहत सुन्दर
जवाब देंहटाएंlatest postमहाशिव रात्रि
latest postअहम् का गुलाम (भाग एक )
मनोरम , मनभावन..अति पावन..
जवाब देंहटाएंबहुत खूब सार्धक लाजबाब अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंमहाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ ! सादर
आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
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शिवरात्रि के पर्व पर शिव को समर्पित सुन्दर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंमहाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ.
जय बम बम भोले ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर शिव-स्तुति ... महाशिवरात्रि की बधाई ...
रविकर जी, अमृता जी, दिनेश जी, रचना जी, दिगम्बर जी व कालीपद जी आप सभी का सुस्वागत व आभार !
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