नव गीत नव छंद सुनाये
सहज प्रेम जीवन में आये, कैसी उलटफेर कर जाये
जो भी सच लगता था पहले
स्वप्न सरीखा उसे बनाता
छुपा हुआ भीतर जो सुख है
खोल आवरण बाहर लाता
जैसे कोई दुल्हन घूंघट, आहिस्ता से रही उठाये
कुछ होने का जो भ्रम पाला
शून्य बनाकर उसे मिटाता
पत्थर सम जो अंतर्मन था
बना मोम उसको पिघलाता
कैसे अद्भुत खेल रचाए, उथलपुथल जीवन में आये
हर पल नया नया सा दर्शन
अद्भुत है उस रब का वर्तन
हरि अनंत हरि कथा अनन्ता
यूँ ही संत नहीं रहे गाये
नित नूतन वह परम प्रेम है, पल पल नया-नया सच लाए
ऊपर से दिखता है जो भी
भीतर कितने भेद समोए
जैसे कोई कुशल चितेरा
छुपा हुआ नव रंग भिगोये
या फिर नर्तक एक अनूठा, हर क्षण नयी मुद्रा दिखलाये
भीतर कोई है, मार्ग दो
बाहर आने को अकुलाता
फूट रहा जो रक्त गुलाल
उत्सुक तुम्हें लगाना चाहता
अहो ! सुनो यह स्वर सृष्टि के, नव गीत नव छंद सुनाये
वाह...सृष्टि के नव गीत सुनकर हम भी निहाल हो जाएँ !!
जवाब देंहटाएंऋता जी, स्वागत है आपका..
हटाएंबहुत सुंदर ॥
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंlatest post"मेरे विचार मेरी अनुभूति " ब्लॉग की वर्षगांठ
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मन एक अद्भुत रस से सराबोर हो जाता है आपके ब्लॉग पर आकर........बहुत सुन्दर ।
जवाब देंहटाएंवाह...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अनिता जी...
सादर
अनु
हर पल नया नया सा दर्शन
जवाब देंहटाएंअद्भुत है उस रब का वर्तन
हरि अनंत हरि कथा अनन्ता
यूँ ही संत नहीं रहे गाये
नित नूतन वह परम प्रेम है, पल पल नया-नया सच लाए
बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ.
आपने लिखा....हमने पढ़ा
जवाब देंहटाएंऔर भी पढ़ें
इसलिए कल 18/04/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
धन्यवाद!
यशवंत जी, आपका बहुत बहुत शुक्रिया...शुभकामनायें!
हटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंबहुत गजब ....वाह।
जवाब देंहटाएंब्लॉग पर मेरी मेरी पहली पोस्ट : : माँ
(नया नया ब्लॉगर हूँ तो ...आपकी सहायता की महती आवश्यकता है .. अच्छा लगे तो मेरे ब्लॉग से भी जुड़ें।)
बहुत सुन्दर....बेहतरीन प्रस्तुति!!
जवाब देंहटाएंपधारें बेटियाँ ...
संगीता जी, कालीपद जी, इमरान, प्रतिभा जी, अनिलजी, निहार जी, व अनु जी आप सभी का स्वागत व बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर। बधाई!
जवाब देंहटाएंPlease visit-
http://voice-brijesh.blogspot.com
बहुत सुन्दर रचना. मेरे ब्लॉग में आकर निरंतर प्रोत्साहित करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार.
जवाब देंहटाएंब्रिजेश जी, शकुंतला जी, स्वागत व बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंअद्भुत ... अहा...
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