जीवन में जब शुभ घटता है
व्यस्त हस्त चल रहे पाद दो
पल पल अंतर सुर बंटता है
निर्निमेष हैं मुग्ध नयन
पल-पल में अश्रु बहता है
एक गति भावों को मिलती
जीवन में जब शुभ घटता है
मुक्त हास हर पूर्ण आस तब
हरसिंगार हर रुत झरता है
अभिव्यक्ति होती है उसकी
पावनता से मन भरता है
पग में नृत्य गीत अधरों पर
सहज हुआ सा जो रहता है
माँ का हाथ सदा सर पर ज्यों
जैसे गंगा जल बहता है
ATI SUNDAR BHAVABHIVYAKTI .BADHAI
जवाब देंहटाएंपावन शुभ सुंदर सी अभिव्यक्ति ...मन जुड़ता है तो भावनाएं भी ऐसे ही जुड़ जातीं हैं ...!!
जवाब देंहटाएंएक गति भावों को मिलती
जवाब देंहटाएंजीवन में जब शुभ घटता है
बेहद सशक्त बेहद की सार्थक सौद्देश्य अभिव्यक्ति :
माँ का हाथ सदा सर पर ज्यों
जैसे गंगा जल बहता है
सुन्दर
जवाब देंहटाएंमाँ का हाथ सदा सर पर ज्यों
जवाब देंहटाएंजैसे गंगा जल बहता है ....बहुत सुन्दर....
निर्निमेष हैं मुग्ध नयन
जवाब देंहटाएंपल-पल में अश्रु बहता है
bahut sundar anita ji
जवाब देंहटाएंसुन्दर चित्र अर्थ और भाव प्रधान लेखन
जवाब देंहटाएंसुन्दर मनोहर प्रस्तुति
शिखा जी, शालिनी जी, शकुंतला जी, तुषार जी, वीरू भाई, अनुपमा जी, माहेश्वरी जी आप सभी का स्वागत व आभार !
जवाब देंहटाएं