कितनी मधुर कहानी है
हर सुख की इक कीमत है
दुःख पाकर ही चुकती है,
बस आनन्द निशुल्क बंट रहा
मुक्ति यहाँ सहज मिलती है !
हर वस्तु की इक कीमत है
श्रम से ही पायी जाती है,
केवल खुदा ही मुफ्त यहाँ पर
नेमत सहज बरसती है !
हर सम्मान की इक कीमत है
पा अपमान चुकानी है,
बस अमान ही पाने योग्य
कितनी मधुर कहानी है !
हर लक्ष्य की इक कीमत है
खट-खट कर कोई पहुंचे ,
बस धैर्य मंजिल पर लाये
मिल जाती है बिन माँगे !
बिना क़ीमत चुकाए यहाँ कुछ नहीं मिलता !
जवाब देंहटाएंAnita ji, sahi hai.har chij ki ek kimat hoti hai .
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