देवी का आगमन सुंदर
आश्विन शुक्ला नवरात्रि का
उत्सव अद्भुत कालरात्रि का
देवी दुर्गा महामाया का
राज राजेश्वरी, जगदम्बा का I
कल्याणी, निर्गुणा, भवानी
अखिल विश्व आश्रयीदात्री
वसुंधरा, भूदेवी, जननी
धी, श्री, काँति, क्षमा, स्मृति I
श्रद्धा, मेधा, धृति तुम्हीं हो
माता गौरी, दुःख निवारिणी
जया, विजया, धात्री, लज्जा
कीर्ति, स्पृहा, दया कारिणी I
चिन्मयी देवी पराम्बा तुम
उमा, पार्वती, सती, भवानी
ब्रह्मचारिणी, ब्रह्मस्वरूपिणी
सावित्री, शाकम्बरी देवी I
काली माँ, कपालिने अम्बा
स्वाहा तुम स्वधा कहलाती
विश्वेश्वरी, आनन्ददायिनी
शांतिस्वरूपा, आद्याशक्ति I
त्रिगुणमयी, करुणामयी, कमला
चण्डिका, शाम्भवी, सुभद्रा
हे भुवनेश्वरी, माता गिरिजा
मंगल दात्री, हे जगदम्बा!
सिंह वाहिनी, माँ कात्यायनी
चंद्रघंटा, कुष्मांडा देवी
अष्टभुजा, स्वर्णमयी माँ
त्रिनेत्री तुम सिद्धि दात्री I
इच्छा, कर्म, ज्ञान की शक्ति
अन्नपूर्णा, इड़ा, विशालाक्षी
कोटिसूर्य सम काँति धारिणी
क्षेमंकरी, माँ शैलवासिनी I
गूंजे घंटनाद व निनाद
नाश किये मुंड और चंड
कुंडलिनी स्वरूपा माता
महिषासुरमर्दिनी प्रचंड I
शक्ति बिना हैं शिव अधूरे
सृष्टि के कार्य नहीं पूरे
ज्योतिर्मयी, जगतव्यापिनी
सजे मार्ग, मंदिर कंगूरे I
देवी का आगमन सुंदर
उतना ही भव्य प्रतिगमन
जगह जगह पंडाल सजे हैं
करते बाल, युवा सब नर्तन I
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः.
जवाब देंहटाएंमाँ अम्बेब की जय हो !
जवाब देंहटाएंनवरात्रि की हार्दीक शुभकामनाएं !
बहुत सुन्दर रचना जिनमे माँ के सभी गुण निहित है !
जवाब देंहटाएंनवरात्रि की हार्दीक शुभकामनाएं !
शुम्भ निशुम्भ बध -भाग ३
प्रतिभाजी, संजय जी व कालीपद जी, आप सभी का स्वागत व आभार !
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