कल पिता का जन्मदिन है
उम्र हुई, तन करे शिकायत
कभी-कभी मन भी हो आहत,
लेकिन आत्मज्योति प्रज्वलित है
दिल में बसी ईश की चाहत !
अब भी दिनचर्या नियमित है
ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाते,
पीड़ा हँस कर सहना आता
औरों को भी राह दिखाते !
प्रभु भजन से सुबह सँवरती
दिन भर ही अध्ययन चलता है,
सुर संगीत का साथ पुराना
जिससे संध्या काल ढलता है !
संतानों को स्नेह बांटते
नाती-पोती संग मुस्काते,
निज नाम सार्थक करके
सदा सहाय बन कर रहते !
नानक ने जो राह दिखाई
सदा उसी पर चले हैं आप,
जन्मदिन पर लें बधाई
हमें आप पर है अति नाज !
पिता जी को जनम दिन की बहुत बहुत शुभकामनायें ...
जवाब देंहटाएंकोमल, भावपूर्ण शब्दों से रचना को पिरोया है आपने ...
सुन्दर रचना ।
जवाब देंहटाएंनानक ने जो राह दिखाई
जवाब देंहटाएंसदा उसी पर चले हैं आप,
जन्मदिन पर लें बधाई
हमें आप पर है अति नाज !
...गुरु नानक जयंती के शुभावसर पर जन्मदिन है आपके पिताजी जी यह तो बहुत अच्छा सुयोग हैं ...
पिताजी को स्वस्थ जीवन की हार्दिक शुभकामनायें!
अति सुंदर। पिता जी का आशीर्वाद सदा मिलता रहे।
जवाब देंहटाएंवाह...बेजोड़ भावाभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंगुरुपरब दियां सभ नूं लख लख बधाईयाँ.
आदरणीय अंकल जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंसादर
दिगम्बर जी, अनिल जी, कविता जी, देवेन्द्र जी,संजय जी व यशवंत जी आप सभी का स्वागत व आभार !
जवाब देंहटाएं