जीवन
दुःख
जैसा लगता ऊपर से
भीतर
सुख की खान छिपाए
जीवन
एक तिलिस्म अनोखा !
सदा
विरोधी सा लगता पर
दिवस
ही संध्या में ढल जाये
जीवन
एक मिलन अनोखा !
मौन
खड़ा पर्वत भी मुखरित
निर्झर
मुख से गीत सुनाये
जीवन
एक नाद अनोखा !
मृदु
से मृदु स्वाद मिल सकता
तिक्त
फलों को भी उपजाए
जीवन
एक सृजन अनोखा !
जीवन का यह विरोधाभास ही एक आकर्षण है जीवन का...बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंSounds like sorrow over
जवाब देंहटाएंWell hidden within the mine
Life is a unique... Life is like a river it will find its path.. सरकारी नौकरी
वाह ! शानदार पंक्तियाँ है। बेहतरीन रचना ...
जवाब देंहटाएंकैलाश जी, सिराज जी व प्रसन्न जी, आप सभी का स्वागत व आभार !
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