गुरुवार, अप्रैल 30

अलविदा इरफ़ान

अलविदा इरफ़ान 

जब हजारों जीवन ज्योतियाँ रोज बुझ रही हों 
महामारी ने मजबूती से अपने पैर पसार लिए हों विश्व में 
दूर तक छाए हों अनिश्चय के बादल 
तो मन उम्मीद के सहारे स्वयं को संभाले रहता है 
गाता है आशा के गीत 
नकार देना चाहता है मृत्यु की आती हुई हर आहट
और दूर कहीं सो जाती हुआ जिंदगियों से 
उसका नाता ही नहीं बनने देता 
पर जब एक कोई अपना चला जाता है जहान से 
जिसकी आँखों में झाँका था 
जिसकी मुस्कान को सराहा था 
जिसके दर्द को महसूस किया था 
जिसकी सादगी और दिल की साफगोई पर 
कुर्बान हुए थे 
जो कभी खलनायक होकर भी नायक पर भारी था 
उस कलाकार की मौत पर 
सभी गमगीन नजर आते हैं 
हम उन्हीं के लिए अश्रु बहाते हैं 
जिनसे बन जाते दिल के नाते हैं !

4 टिप्‍पणियां:

  1. हार्दिक श्रद्धांजलि।
    इरफान खान साहब और आज ऋषि सर का जाना अपूर्णीय क्षति है।

    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. वे दोनो अच्छे व्यक्ति और श्रेष्ठ कलाकार थे -हमारा नमन .











    जवाब देंहटाएं
  3. वे दोनो अच्छे इंसान और श्रेष्ठ कलाकार थे -हमारा नमन.

    जवाब देंहटाएं