शिक्षा को मूल्यों से भर लें
अंतरिक्ष तक जा पहुँचा है
अनगिन तारा मण्डल खोजे,
सागर की गहराई नापी
किन्तु हुआ बेबस नर सोचे !
भेद दिया परमाणु मनुज ने
विनाशकारी बम बरसाया,
लाखों लोगों को इक पल में
मृत्यु के आँचल में सुलाया !
सूक्ष्म की ताकत अपरिमित है
मानव से बढ़ कौन जानता,
सूक्ष्म तरंगों के बल पर ही
वर्ल्ड वाइड वेब रच डाला !
किन्तु सूक्ष्म से लड़ना होगा
इसकी शायद खबर नहीं थी,
चिकित्सा पद्धति की सीमा है
इस तत्व पर नजर नहीं थी !
अभी नहीं था अवगत इससे
सूक्ष्म जगत भी एक यहां है,
जीवाणु, विषाणु भी अनेकों
जिनका बहुत प्रकोप सहा है !
अब भी जाग सकें तो जागें
जीवन में परिवर्तन कर लें,
झुकें परम शक्ति के सम्मुख
शिक्षा को मूल्यों से भर लें !
सूक्ष्म की ताकत, शून्य की ताकत का अंदाज़ कौन लगा सकता है ... शून्य ही अन्तरिक्ष है और अंतराक्ष ही इश्वर ... सुन्दर कल्पना आपकी ...
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार !
हटाएंजी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (११ -०५ -२०२१) को 'कुछ दिनों के लिए टीवी पर बंद कर दीजिए'(चर्चा अंक ४०६३) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
अब भी जाग सकें तो जागें
जवाब देंहटाएंजीवन में परिवर्तन कर लें,
झुकें परम शक्ति के सम्मुख
शिक्षा को मूल्यों से भर लें !
बहुत खूब..,अब नहीं जागे तो बहुत देर हो जायेगी ,सादर नमन आपको
सीख देता बहुत सुन्दर सृजन ।
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार !
हटाएंअभी नहीं था अवगत इससे
जवाब देंहटाएंसूक्ष्म जगत भी एक यहां है,
जीवाणु, विषाणु भी अनेकों
जिनका बहुत प्रकोप सहा है---बहुत खूब
स्वागत व आभार !
हटाएंकाश! समय रहते ये जाग आ जाए अन्यथा चिड़िया सारा खेत चुग ही रही है । तब भी सब समझ नहीं पा रहे हैं ।
जवाब देंहटाएंवाकई उहापोह की सी स्थिति है
हटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआपकी इस रचना के अंतिम शब्द 'शिक्षा को मूल्यों से भर लें' व्यक्ति, परिवार, समाज और देश को दिशाज्ञान देने वाले हैं। पहले नहीं किया तो कम-से-कम अब तो यह काम किया ही जाना चाहिए। मूल्यों से युक्त शिक्षा यदि पाठ्यक्रमों में सम्मिलित नहीं करवाई जा सके तो परिजन एवं अभिभावक ही यह कार्य करें। इसी में प्रत्येक समस्या का दीर्घकालीन एवं स्थायी समाधान अंतर्निहित है। अच्छी रचना हेतु अभिनंदन आपका।
जवाब देंहटाएंआपने बिलकुल सही कहा है,आज समाज में मूल्यों का हनन स्पष्ट दिखाई दे रहा है. शिक्षा में परिवर्तन करके इसे मूल्यपरक बनाना होगा। आभार !
हटाएंउत्कृष्ट सृजन।
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार !
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