हिंदी दिवस पर शुभकामनाएँ
सदियों से चले आ रहे
अविरल विचार प्रवाह के साथ
जोड़ती है हमें हमारी भाषा
जिसे जीवित रखना है
तो समृद्ध बनाना होगा
तकनीक से जोड़कर
रोजगार लायक सिखाना होगा
हिंदी दिवस पर जरा रुककर देखें
मंज़िलें तय की हैं कितनी
कितना सफ़र और तय करना है इसे
समय-समय पर बदला है
हिंदी का स्वरूप भी
अपभ्रंश से प्रकटी
अमीर खुसरो से भारतेंदु हरिश्चंद्र तक
हिंदी की गंगा बहती रही है
अवधी और ब्रज से होती
खड़ी बोली के रूप में विकसित होती आज
हिंगलिश के जाल में फंसती जा रही है
शुद्ध भाषा का स्वरूप
अब सिर्फ किताबों में मिलता है
सबकी जबान पर एक खिचड़ी भाषा
चढ़ती जा रही है !
सत्य कहा । पूर्णतः सहमति है आपके प्रभावी चिंतन से । आज ही हिन्दी की ये दशा है तो कल क्या होगा सोच से परे है । फिर भी हार्दिक शुभकामनाएँ हिन्दी दिवस की ।
जवाब देंहटाएंबहुत सही कहा आपने ।सहमत हूं आपसे ।हिंदी दिवस पर आपको हार्दिक शुभकामनाएं एवम बधाई 💐💐
जवाब देंहटाएंसार्थक चिंतन।
जवाब देंहटाएंहिंदी को जन जन की भाषा बनाने में सबके प्रयासों की आवश्यकता है ।
सत्य एवम सटीक कथ्य ..
जवाब देंहटाएंहिंदी दिवस की अनंत शुभकामनाएं
शुभकामनाएं हिंदी दिवस की| सुन्दर सृजन|
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर सृजन दी।
जवाब देंहटाएंशब्द शब्द मन को छू गया।
सादर
अमृता जी, जिज्ञासा जी, सदा जी, सुशील जी, अनीता जी व संगीता जी आप सभी का हार्दिक स्वागत व आभार!
जवाब देंहटाएंसही कहा
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