भारत
ओ मेरे देश !
तेरे आँचल में जन्म लिया और
तेरी हवाओं ने पाला हमको
तेरी माटी में पले, खेले
तेरी फ़िज़ाओं ने सम्भाला हमको !
तेरी हर बात पे रश्क होता
दिल हमारा तेरे लिए ही रोता
श्वेत हिम ढकी चोटियाँ हिमालय की
या सर्द अमरनाथ की गुफाएं
सुदूर समंदरों का किनारा हो
किसी घनघोर जंगल की हवाएं
तेरी ख़ुशबू हर तरफ़ इक सी फैली
तेरी नेमत इक जैसी मिली !
अनेक ऋषियों की तप स्थली
भोले बाबा का कैलाश बसता
देवता भी तरसते हैं यहाँ आने को
अन्नपूर्णा का जब भंडार खुलता !
कृष्ण की बाँसुरी दिन रात बजती
प्रश्न गार्गी के गूंजते अब भी
बालिका देवी सी पूजी जाती
दशानन जलता है अब भी !
खेल का मैदान हो या प्रयोगशाला
सभी में सफलता की ठानी
हो कश्मीर या उत्तर पूरव
दौड़ती फिरती ख़ुशी से ज़िंदगानी !
वक्त वह दूर नहीं जब नक्सली सारे
बीती बात सी हो जाएँगे
कालाधन ख़त्म, आत्म निर्भर बने
अपने हक़ का ही सब कमाएँगे !
तू बनेगा सिरमौर दुनिया का
योग आयुष का बोलबाला होगा
समाधान मिलेगा हर समस्या का
अध्यात्म मज़हब की जगह लेगा !
वक्त तेरा चलो झूमें मिल के
द्वेष बाक़ी न रहे किसी भी दिल में
तेरी दुआओं में असर इतना
मिलते दुश्मन भी यहाँ दोस्त बन के !
सादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (7 -8-22} को "भारत"( चर्चा अंक 4514) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
बहुत बहुत आभार कामिनी जी!
हटाएंजननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गर्यसि।
जवाब देंहटाएं------
अत्यंत सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति प्रिय अनीता जी।
सादर।
स्वागत व आभार प्रिय श्वेता जी!
हटाएंआदरणीय अनीता जी सुंदर देशप्रेम के भावों और गौरवपूर्ण इतिहास के गुणगान से सजी इस काव्य रचना के लिए आपको ढेरों शुभकामनाएँ। सादर।
जवाब देंहटाएंआपको भी स्वतंत्रता दिवस के लिए अग्रिम शुभकामनाएँ!
हटाएंआमीन !!! हर सच्चे भारतवासी के मन की भावना को सुंदर शब्द दिए है ।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया संगीता जी!
हटाएंदेशभक्ति की भावना से परिपूर्ण बहुत सुन्दर कविता !
जवाब देंहटाएंकाश कि कविता में व्यक्त भारत की छवि कभी साकार हो सके !
स्वागत व आभार जैसवाल जी!
हटाएंसमाधान मिलेगा हर समस्या का
जवाब देंहटाएंअध्यात्म मज़हब की जगह लेगा !
हर समस्या का समाधान प्राप्त करेगा भारत नि संदेश विश्व विजयी होगा । उम्दा प्रस्तुति आदरणीय ।
इसी आशा और विश्वास की हर भारतीय को ज़रूरत है, आभार!
हटाएंक्याखूब कहा है अनीता जी...समाधान मिलेगा हर समस्या का
जवाब देंहटाएंअध्यात्म मज़हब की जगह लेगा !...बहुत सुंदर कल्पना और हकीकत का मेल किया आपने
स्वागत व आभार अलकनंदा जी!
हटाएंवाह, बहुत ख़ूब
जवाब देंहटाएंसुंदर भावों वाला सुंदर सृजन काश सब ऐसा होता, पर आशावादी होना श्रेष्ठ परिणाम देता है।
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार कुसुम जी, ऐसा ही होगा यदि भारतवासी चाहेंगे
हटाएंमातृभूमि की अभ्यर्थना में अभिनव सृजन प्रिय अनीता जी।जय हो भारतभूमि की। स्वतन्त्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं 🎍🎍🎉🎉🎁🎁🎊🎊💖♥️♥️🎀🎀🎀🎈🎈🎈🎈🎈🎈🎈🎈
जवाब देंहटाएंआपको भी स्वतंत्रता दिवस की बहुत सी शुभकामनायें प्रिय रेणु जी !
हटाएंअगर समस्या है तो समाधान भी होगा। अच्छी रचना।
जवाब देंहटाएंसादर
बेहतरीन रचना देश भक्ति के रंग में डूबी हुई
जवाब देंहटाएंआपका कथन शीघ्र ही सत्य हो और भारत का परचम सारी दुनिया में लहराए। एक बार फिर भारत सोने की चिड़िया कहलाए।
जवाब देंहटाएंवाह सुंदर ,जय हिंद
जवाब देंहटाएंअपर्णा जी, भारती जी, रचना जी और रंजू जी आप सभी का स्वागत व हृदय से आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर रचना 👌
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