होली के रंगों में जाने
सभी भाव जल गये द्वेष के
मन उजले-उजले हो आये ,
जिस पर फिर प्रियतम ने आकर
मदिर अबीर-गुलाल लगाये !
निखर गये हैं रूप सलोने
अंतर ज्यों आश्वस्त हुए हैं,
होली के आने से देखो
आज ह्रदय मदमस्त हुए हैं !
सभी नज़र आते हैं अपने
आज एक भी नहीं पराया,
होली के रंगों में जाने
छुपा कौन सा राज अनोखा !
दूर-दूर ही रहते थे जो
आज बने हैं सब हमजोली,
मिलकर सभी मनाने आये
प्रीत रंग की सुंदर होली !
बहुत सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंरंगों का त्योहार जीवन में रंगों की महत्ता बतलाता है इंद्रधनुषी इत्र छिड़क पलों को महकाता है।
सस्नेह।
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार २२ मार्च २०२४ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
बहुत बहुत आभार श्वेता जी !
हटाएंहोली शुभ हो | सुन्दर|
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार, होली की शुभकामनाएँ !
हटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार, होली की शुभकामनाएँ !
हटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनाएं अनीता जी । बढ़िया गीत है ।
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार, होली की शुभकामनाएँ !
हटाएंहिल मिल जाये सबके दिल यही तो होली है...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर
लाजवाब सृजन ।
होली पर्व की शुभकामनाएं ।
स्वागत व आभार, होली की शुभकामनाएँ !
हटाएंबहुत सुन्दर रचना, होली की शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार !
हटाएंसुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार, होली की शुभकामनाएँ !
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