शिक्षक का यही इरादा है
शिक्षा की ज्योति जले मन में
शिक्षक का यही इरादा है,
पढ़-लिख कर ख़ुद को पहचाने
उसका इतना ही वादा है !
केवल बने किताबी कीड़ा
इससे कब कुछ भी हल होगा ?
संबंधों की गरिमा समझे
अध्यापन तभी सफल होगा !
इस धरती से क्या रिश्ता है
भारत भू से पावन नाता,
विज्ञान, गणित, इतिहास,वेद
शिक्षक श्रद्धा से सिखलाता !
विकसित हो मन, हो बुद्धि प्रखर
हाथ थाम वह दिशा दिखाए,
अज्ञानता के अंधकार में
प्रज्ज्वलित राह निकल आये !
शिक्षक संस्कृतियों का रक्षक
कल से जुड़ भविष्य दिखलाए,
कोमल पौधों को दे पोषण
सबल बृहत् वटवृक्ष बनाये !
बहुत सुंदर रचना 🙏
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार !
हटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार !
हटाएंबहुत बहुत आभार दिग्विजय जी !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार !
हटाएंगणेश चतुर्थी की आपको हार्दिक शुभकामनाएं। रिद्धि सिद्धि के दाता गणपति सभी को आरोग्य व सुख समृद्धि प्रदान करें 🙏
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना।
आपको भी गणेश चतुर्थी पर बहुत बहुत शुभकामनाएँ !
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