मंगलवार, सितंबर 16

सत्य

सत्य 


मन ख़ाली है 

और इसे ख़ाली रखना 

अस्तित्त्व का काम है 

किसी ने इसे ख़ाली रखा है 

बातें आती हैं 

कहीं बाहर से 

और कोई भी इसे देख सकता है !


जो अनासक्त है 

वही ख़ाली है  

जो निर्दोष है 

उसे ही चुना जाता है 

जो ख़ाली है 

वही समस्या से मुक्त है !


इस दुनिया में चाहने योग्य 

क्या कुछ भी नहीं ? 

सत्य क्या है 

कोई नहीं जानता 

जब मन मौन होता है 

वह स्वयं के साथ होता है 

सत्य के साथ होता है !




9 टिप्‍पणियां:

  1. इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.

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  2. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 17 सितंबर 2025 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
    अथ स्वागतम शुभ स्वागतम।

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