मन पाए विश्राम जहाँ
नए वर्ष में नए नाम के साथ प्रस्तुत है यह ब्लॉग !
धर्मयुग
लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं.
सभी संदेश दिखाएं
धर्मयुग
लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं.
सभी संदेश दिखाएं
बुधवार, अगस्त 7
छोटी बुआ
›
दो वर्ष पूर्व यह संस्मरण मैंने लिखा था, पर तब पीड़ा इतनी थी कि इसे किसी से साझा करने का मन नहीं हुआ, आज दो वर्ष बाद मन कृतज्ञता से भरा है ...
13 टिप्पणियां:
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें