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सोमवार, अगस्त 31

पांच दोहे

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  पांच दोहे    मेधा, प्रज्ञा, धी, सुमति, बुद्धि, ज्ञान हैं ‘नाम’  समझ मिली तो मुक्ति है, हो गए चार धाम !   प्रज्ञा ज्योति सदा जले, मार्ग दिख...
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Anita
यह अनंत सृष्टि एक रहस्य का आवरण ओढ़े हुए है, काव्य में यह शक्ति है कि उस रहस्य को उजागर करे या उसे और भी घना कर दे! लिखना मेरे लिये सत्य के निकट आने का प्रयास है.
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