मन पाए विश्राम जहाँ

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गुरुवार, जनवरी 16

हाँ

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हाँ हाँ, ढगे गये हैं हम बार-बार छले गये हैं  हुए हैं अपनी ही नादानियों के शिकार कभी दुर्बलताओं के अपनी मृत्यु से डर कर बे...
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Anita
यह अनंत सृष्टि एक रहस्य का आवरण ओढ़े हुए है, काव्य में यह शक्ति है कि उस रहस्य को उजागर करे या उसे और भी घना कर दे! लिखना मेरे लिये सत्य के निकट आने का प्रयास है.
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