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रविवार, अगस्त 23

महाभूत जो महादेव का

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महाभूत जो महादेव का   कल-कल, छल-छल, सलिला का जल  अविरल निर्मल  बहता रहता,  जल जीवन को धारण करता  भू को सिंचित करता बढ़ता !   दिनकर रश्मियों स...
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Anita
यह अनंत सृष्टि एक रहस्य का आवरण ओढ़े हुए है, काव्य में यह शक्ति है कि उस रहस्य को उजागर करे या उसे और भी घना कर दे! लिखना मेरे लिये सत्य के निकट आने का प्रयास है.
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