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मंगलवार, फ़रवरी 7
स्वाद हो या रास का सा
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स्वाद हो या रास का सा एक शीतल सा धुआं है या धुंधलका शाम का सा, एक ज्योति रक्त वर्णी एक दीपक अनदिखा सा ! नाद अनहद गूँजता यूँ ...
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