मन पाए विश्राम जहाँ

नए वर्ष में नए नाम के साथ प्रस्तुत है यह ब्लॉग !

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बुधवार, जनवरी 31

कुछ दिन तो गुजारें गुजरात में

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प्रिय ब्लॉगर मित्रों, पिछले दिनों गुजरात की यात्रा का सुअवसर प्राप्त हुआ, यात्रा विवरण लिखने में समय लगेगा, सोचा, जो भाव अभी मन में ताजा हैं...
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सोमवार, मई 29

आँसू बनकर वही झर गया

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आँसू बनकर वही झर गया दुःख की नगरी में जा पहुँचे, निकले थे सुख की तलाश में,  अंधकार से भरे नयन हैं   खोल दिये जब भी प्रकाश ...
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Anita
यह अनंत सृष्टि एक रहस्य का आवरण ओढ़े हुए है, काव्य में यह शक्ति है कि उस रहस्य को उजागर करे या उसे और भी घना कर दे! लिखना मेरे लिये सत्य के निकट आने का प्रयास है.
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