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शुक्रवार, अगस्त 21

इच्छा से शुभेच्छा तक

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    इच्छा से शुभेच्छा तक   वस्तुओं की इच्छा  भरमाती है चेतना को,  व्यक्तियों की, रुलाती है ! सुख की अभिलाषा सुला देती है  जब समूह की चेतना स...
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Anita
यह अनंत सृष्टि एक रहस्य का आवरण ओढ़े हुए है, काव्य में यह शक्ति है कि उस रहस्य को उजागर करे या उसे और भी घना कर दे! लिखना मेरे लिये सत्य के निकट आने का प्रयास है.
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