मन पाए विश्राम जहाँ

नए वर्ष में नए नाम के साथ प्रस्तुत है यह ब्लॉग !

सोमवार, मार्च 14

बन सकते मानव, महामानव

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बन सकते मानव, मानव प्रेमिल भू निज ओर खींचती रवि किरणें भी अंक लगातीं, पवन दौड़ती भरती भीतर     बदली बन छाया छा जाती   ! खिल...
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गुरुवार, मार्च 10

पल-पल मधु का सोता भीतर

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पल-पल मधु का सोता भीतर चमचम चमक रहा है दिनकर वर्तमान का मन अम्बर पर, ढक लेते अतीत के बादल भावी का कभी छाता अंधड़ ! झर-झर झरता ही रहता है   ...
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मंगलवार, मार्च 8

विश्व महिला दिवस पर शुभकामनायें !

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इस जहाँ में नारियां     प्रेम सुरभि से धरा के, सकल कण-कण को भिगोतीं ज्यों हों केसर क्यारियाँ, इस जहाँ में नारियाँ ! कोख में धरती सरिस, स्व...
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सोमवार, मार्च 7

हर कोई चाहे कुछ होना

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हर कोई चाहे कुछ होना मैं भी ‘कुछ’ हूँ, तुम भी ‘कुछ’ हो यह भी ‘कुछ’ है, वह भी ‘कुछ’ है, हर कोई चाहे ‘कुछ’ होना यही तो है दुनिया का रोना ! ‘...
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शुक्रवार, मार्च 4

वसंत

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वसंत   आया वसंत छाई बहार सज उठी धरा कर नव सिंगार, बिखरा मद मधुर नेह पाकर कण-कण महका छाया निखार ! सजते अंतर के दिग-दिगंत मोह-शीत का हुआ सु-...
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गुरुवार, मार्च 3

सुरसरिता गंगा की धारा

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सुरसरिता गंगा की धारा सुरसरिता गंगा की धारा उतरी नभ से छल-छल कल-कल तार दिये जाने कितने नर अनगिन उर कर डाले निर्मल ! बची राख न शेष कालिमा ...
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मंगलवार, मार्च 1

महाशिवरात्रि के अवसर पर शुभकामनायें

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महाशिवरात्रि ब्रह्मा रचते, विष्णु पालक, हे शिव ! तुम हो संहारक तीनों देव बसें मानव में तीनों जन-जन उद्धारक ! किन्तु आज श...
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सोमवार, फ़रवरी 28

एक और आजादी

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एक और आजादी कौन आजाद हुआ किसके माथे से गुलामी की स्याही छूटी दिलों में दर्द है बिगड़ते हालातों का मादरे हिंद के माथे पे उदासी है वही खंजर आज...
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शनिवार, फ़रवरी 26

अनुत्तरित प्रश्न

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अनुत्तरित प्रश्न पंछी तेरा गान सुनूं या उस भोले बालक का क्रन्दन तेरा सुंदर रूप निहारूं या जिसका उजड़ा वन नन्दन ! एक नहीं अनगिनत प्रश्न हैं ...
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शुक्रवार, फ़रवरी 25

जेपी नहीं रहे

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हवा में क्रांति की गंध है, बरसों पूर्व भी एक क्रांति हुई थी हो सकता है आप में से कुछ लोग किसी न किसी रूप में उस क्रांति से जुड़े हों, मैंने प...
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गुरुवार, फ़रवरी 24

ऐसा है आदमी

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ऐसा है आदमी खुद के बनाये जाल में जकड़ा है आदमी वरना तो चाँद छू के आया है आदमी ! मंजिल की खोज में तो निकला था कारवां मुड़ के जो राह देखी ...
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Anita
यह अनंत सृष्टि एक रहस्य का आवरण ओढ़े हुए है, काव्य में यह शक्ति है कि उस रहस्य को उजागर करे या उसे और भी घना कर दे! लिखना मेरे लिये सत्य के निकट आने का प्रयास है.
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