मन पाए विश्राम जहाँ
नए वर्ष में नए नाम के साथ प्रस्तुत है यह ब्लॉग !
बुधवार, जनवरी 1
नया वर्ष दस्तक देता है
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नया वर्ष दस्तक देता है धरती ने की पूर्ण सूर्य की , एक परिक्रमा देखो और बीत गयीं कुछ अमावसें व , जगीं पूर्णिमाओं की भोर ! पुनः...
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सोमवार, दिसंबर 30
नये वर्ष की शुभकामनायें
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नये वर्ष की शुभकामनायें जब तक हाथों में शक्ति है जब तक इन कदमों में बल है, मन-बुद्धि जब तक सक्षम हैं तब तक ही समझें कि हम...
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शनिवार, दिसंबर 28
कुदरत की रीत अनोखी है
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कुदरत की रीत अनोखी है जो खाली है वह भरा हुआ जो कुछ भी नहीं वही सब कुछ, कुदरत की रीत अनोखी है जो लुटा रहा वह ही पाता ! ...
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शुक्रवार, दिसंबर 27
शाहों का शाह था
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शाहों का शाह था अपनी ही छाया से अक्सर डर जाता है भीरु उससे बढ़ कोई नजर नहीं आता है स्वप्न पर विश्वास करे जो आँख मूंद कर सत्...
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मंगलवार, दिसंबर 24
नया वर्ष आने वाला है
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नया वर्ष आने वाला है धरती ने की पूर्ण सूर्य की इक परिक्रमा देखो और, बीत गयीं कुछ अमावसें व जगीं पूर्णिमाओं की भोर ! ...
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बुधवार, दिसंबर 18
क्रिसमस उसकी याद दिलाता
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क्रिसमस उसकी याद दिलाता क्रिसमस उसकी याद दिलाता जो भेड़ों का रखवाला था, आँखें करुणा से नम रहतीं मन जिसका मद मतवाला था ! ...
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शुक्रवार, दिसंबर 13
पावनी प्रकृति
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पावनी प्रकृति ठंड एकाएक बढ़ गयी थी ढक लिया परिवेश को कुहरे की घनी चादर ने वृक्ष के नीचे टपक रही बूँदे भीगा था घास का हर त...
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सोमवार, दिसंबर 9
तुम
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तुम मैंने जान लिया है कि दीपक की लौ को तुमने हाथों से ओट दी है आँधियों की परवाह न करते हुए मुझे उसमें तेल डालते रहना है ! ...
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शुक्रवार, दिसंबर 6
नेता और नाता
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नेता और नाता नेता का जनता से अटूट नाता है पर कोई बिरला ही इसे निभाता है जनता ने उसे चुना अपनी आवाज बनाया निश्चिन्त हो गयी...
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